scorecardresearch
 

घर से 7 को लेकर निकली थी, लेकिन अकेली वापस आई..., कलेजे को चीर देंगी मोरबी हादसे की ये कहानियां

Morbi Bridge Mishap Case: गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसे के बाद मच्छु नदी ने अब तक 134 शव उगल दिए हैं. इस भयानक हादसे में किसी ने अपना बेटा तो किसी ने पत्नी खो दी. यही नहीं, कुछ परिवार तो पूरे के पूरे खत्म हो गए. कुछ ऐसी ही कहानी है अपने 7 परिजनों को गंवाने वाली जमीला की और माता-पिता से हमेशा के लिए बिछड़े 4 साल के जियांश की...

Advertisement
X
मोरबी हादसे की दर्दनाक कहानियां. (फोटो:Aajtak)
मोरबी हादसे की दर्दनाक कहानियां. (फोटो:Aajtak)

Gujarat News: मोरबी में पुल टूटने से मच्छु नदी में इंसान तो डूबे ही, तमाम परिवारों के सपने भी डूब गए. किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने भाई गंवाया. किसी ने अपनी मां को छिनते देखा तो कोई आंखों के सामने ही अपना पूरे परिवार से बिछड़ बैठा. हादसे के बाद अब मोरबी के गली-मोहल्ले से सामने आ रही रुदन-क्रंदन की आवाजों ने गुजरात ही नहीं देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. इस त्रासदी की भयावहता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अमेरिकन प्रेसिडेंट जो बाइडेन से लेकर रूस के राष्ट्रपति ब्वादिमिर पुतिन, इजराइल के प्रधानमंत्री याइर लापिद से लेकर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे जैसे तमाम राष्ट्राध्यक्षों ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की है. कहीं पूरे घर में सिर्फ मासूम ही बचा, तो किसी के घर से एक साथ उठी कई अर्थियां...

Advertisement

मोरबी की मच्छु नदी रविवार रात से अब तक 134 शव उगल चुकी है. चंद घंटे पहले हंसते-खिलखिलाते दिखने वाले अपनों के शांत चेहरों को देख परिजन अब दहाड़ मार-मारकर रो रहे हैं. आंखों से अश्रुधारा रुक नहीं रही. कइयों की तो आंखें पथरा गई हैं. कलेजे को चीर कर रख देने वाली बात तो यह है कि कुछ परिवारों में रोने वाले तक नहीं बच पाए.

मच्छु नदी में लटका हुआ टूटा पुल.

इस हादसे में एक नन्हे बच्चे का नदी किनारे पड़ा अकेला जूता और 8 महीने की गर्भवती की लाश हर किसी के हृदय की धड़कन को कुछ पल के लिए धक्क से रोक-सा देती है. झूलते पुल से अपनों को गंवा देने वालों में एक कहानी जमीला बेन की भी है. 

नदी किनारे पड़ा मासूम का जूता.

ज़मीला बहन अपने परिवार के 8 लोगों के संग झूलते ब्रिज पर घूमने आई थीं. जिनमें से सिर्फ़ जमीला ही बची हैं. बकौल जमीला, ''मेरी ननद जामनगर (गुजरात) से यहां दिवाली की छुट्टियां मनाने के लिए आई थी. परिवार में उत्साह उमंग का माहौल था. इसी बीच रविवार को मैं अपनी 21 साल की बेटी, ननद समेत उसकी 9 साल की बेटी और 12 साल के बेटे, देवर-देवरानी और उनके दो छोटे बच्चों को झूलता पुल दिखाने लेकर गई थी, लेकिन वहां से अकेली वापस आई. वो सब 7 लोग चले गए.''

Advertisement
अपनों को खोने वाली जमीला ने सुनाई आपबीती.

इकलौती बची जमीला अपनी पथराई आंखों से आपबीती सुनाते हुए आगे कहती हैं, ''मेरी ननद का बेटा एक बार मेरे हाथों में आ गया, लेकिन वो भी फिर छूट गया और फिर उसकी शव ही मिला. 

मासूम के सिर से उठा माता-पिता का साया 

दूसरी कहानी मोरबी में रहने वाले हार्दिक फलदू और उनकी पत्नी मिरल की. दोनों अपने 4 साल के बेटे जियांश को साथ लेकर रविवार ब्रिज पर घूमने निकले थे. तीनों भीड़ के बीच ब्रिज पर चढ़े और कुछ ही देर बाद ही ब्रिज टूट गया. तीनों मच्छु नदी के गहरे पानी में जा समाए. इस दौरान किसी तैराक ने डूब रहे जियांश को बचा लिया. लेकिन अब मासूम से माता-पिता जुदा हो गए.बाद में दोनों के शव बरामद हुए. 

हार्दिक फलदू, पत्नी मिरल और गोद में मासूम जियांश.

चायवाले की गोद में बच्ची ने तोड़ा दम

झूलते ब्रिज के पास चाय की दुकान चलाने वाले राजू ने भी कलेजे को कंपा देने वाली कहानी सुनाई. राजू ने बताया, जैसी ही ब्रिज की केबिल टूटी और उस पर सवार लोग धड़ाधड़ नदी में गिरने लगे तो चीख-पुकार सुनकर वह दुकान छोड़ लोगों को बचाने में जुट गया. दूसरे अन्य लोगों के साथ उसने कई घायलों को बचाने में मदद की. 10 से ज्यादा लोगों को नदी से बाहर निकाला. पूरी रात वह लोगों की मदद में जुटा रहा. मगर एक-दो मौतों ने उसे अंदर तक हिला दिया. 

Advertisement

गर्भवती महिला ने तोड़ा दम

राजू ने दुख जताते हुए कहा, एक बच्ची को उसने नदी से जैसे ही बाहर निकाला, तो मासूम ने उसी की गोद में दम तोड़ दिया. वहीं, एक गर्भवती महिला को भी वह नहीं बचा पाया, क्योंकि जैसे वह उसे बाहर निकालकर लाया तो थोड़ी ही देर बाद उसकी सांसें थम गईं.

6 लोग गिरे थे, 5 ही बचे

न्यूज एजेंसी एएनआई को भी मोरबी केबल ब्रिज हादसे में घायल एक युवक ने बताया, ''हम 6 लोग गिरे थे. उसमें से 5 ही बच पाए और एक की मौत हो गई. मुझे तैरना आता था तो मैंने और मेरे दोस्त ने करीब 50-60 लोगों को बचाया. लोगों को बचाने के समय मुझे भी चोटें आई हैं.'' 

हादसे में बचा युवक.

अब तक 134 मौतें

पता हो कि गुजरात के मोरबी शहर में एक केबल पुल टूटने की घटना में सोमवार को 134 लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के सिलसिले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 100 साल से ज्यादा पुराने इस पुल के रखरखाव और संचालन की जिम्मेदार कंपनियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. पुल को मरम्मत कार्य के बाद पांच दिन पहले ही फिर से खोला गया था. बीते रविवार शाम साढ़े छह बजे जब यह पुल टूटा, उस समय इस पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे.   

Advertisement

उधर, गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक की घोषणा की है. यह फैसला हादसे के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.  
 

(मोरबी से गोपी घांघर और अभिषेक मिश्रा का भी इनपुट)

 

 

Advertisement
Advertisement