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गुजरात निकाय चुनाव: AAP की एंट्री ने सूरत में बिगाड़ा कांग्रेस का खेल, ओवैसी का नहीं चला जादू

गुजरात में 6 महानगरों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर और राजकोट में मतगणना जारी है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा मैदान में इस बार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी मैदान में किस्मत आजमायी है.  

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असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद केजरीवाल
असदुद्दीन ओवैसी और अरविंद केजरीवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सूरत में AAP मुख्य विपक्षी पार्टी बनी
  • जामनगर में बसपा को मिली तीन सीटें
  • कांग्रेस का गुजरात में बिगड़ा समीकरण

गुजरात में 6 नगर निगम के 576 वार्डों में हुए चुनाव के बाद आज वोटो की गिनती की जा रही है. सभी नगर निगम में बीजेपी भारी बढ़त बनाए हुए है. सूरत, राजकोट, जामनगर और भावनगर में कांग्रेस करारी हार का सामना कर रही है जबकि अहमदाबाद में कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. वहीं, पहली बार गुजरात निकाय चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी सूरत नगर निगम में कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए प्रमुख विपक्षी दल बनकर उभरी है. जबकि, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पहली बार उतरी, लेकिन मुस्लिम बहुल इलाकों में खास असर नहीं दिखा सकी. 

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गुजरात में 6 महानगरों अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर और राजकोट में मतगणना जारी है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा मैदान में इस बार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी मैदान में किस्मत आजमायी है.  

सूरत में AAP बनी मुख्य विपक्षी पार्टी

सूरत नगर निगम में बीजेपी भले ही सत्ता पर काबिज होती दिख रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी की एंट्री ने कांग्रेस की नींद हराम कर दी है. सूरत की कुल 120 सीटों में से अभी तक जो रुझान आए हैं, उसके लिहाज से 56 सीटें बीजेपी के खाते में आ गई हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी  8 सीटें जीत चुकी है और अन्य 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. यहां कांग्रेस खिसक कर तीसरे नंबर पर आ गई है और वो महज 8 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. सूरत में आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ा फायदा पाटीदार समुदाय से मिला है.  इसके अलावा गुजरात में पार्टी की कमान संभाल रहे गोपाल इटालिया भी सूरत से हैं और पाटीदार समुदाय से आते हैं. 

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गुजरात में ओवैसी की एंट्री फेल रही

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) गुजरात महानगर पालिका के चुनाव में खास प्रदर्शन करती नजर नहीं आ रही है. AIMIM ने कुल 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अभी तक एक भी सीट वो नहीं जीत सकी है. अहमदाबाद की कुल 192 सीटों में से करीब 100 सीटों के रुझान आए हैं, जिनमें से बीजेपी के खाते में 82 सीटें जाती दिख रही हैं. 80 में से कई सीटों पर बीजेपी आगे चल रही है, तो कई पर जीत चुकी है. वहीं, कांग्रेस के खाते में सिर्फ 20 सीटें जाती दिख रही है. 

अहमदाबाद में शुरुआती रुझान में बढ़त बनाने वाली एआईएमआईएम को झटका लगा है, जिन सीटों पर वह आगे थी, उन पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. अहमदाबाद के दरियापुर, जमालपुर, शाहपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में भी कांग्रेस बढ़त बनाए हुए हैं. हालांकि, अभी एक सीट पर वो कांग्रेस के साथ संघर्ष करती दिख रही है. वडोदरा, राजकोट और भावनगर में आम आदमी पार्टी और AIMIM का कोई असर नहीं दिखा. इन तीनों नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी लड़ाई दिखी और राजकोट में बीजेपी क्लीन स्वीप करती दिखी है जबकि वडोदरा में कांग्रेस दहाई का अंक क्रॉस करती नहीं दिख रही है. 

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बसपा के खाते में तीन सीटें

जामनगर नगर निगम में कांग्रेस का अच्छा खासा सियासी नुकसान हुआ है. यहां कांग्रेस का खाता खुलता नहीं दिख रहा है. अब तक के नतीजों में बीजेपी के खाते में 28 सीटें जाती दिख रही हैं जबकि जामनगर की तीन सीटों पर बसपा के प्रत्याशी जीते हैं. बसपा की जीत ने सभी को आश्चर्य चकित कर दिया है. यहां आम आदमी पार्टी और AIMIM कोई सियासी गुल नहीं खिला सकी हैं. 

 

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