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गुजरातः डिप्टी सीएम नितिन पटेल का छलका 'दर्द'! बोले- मैं अकेला नहीं, जिसकी बस छूटी

गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने कहा कि वो लोगों के दिलों में रहते हैं और उन्हें वहां से कोई नहीं निकाल सकता. उन्होंने ये बात भूपेंद्र पटेल को अगला मुख्यमंत्री चुने जाने के कुछ घंटों बाद ही कही. माना जा रहा है कि भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाए जाने से नितिन पटेल नाराज हैं.

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गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल (फाइल फोटो)
गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मेहसाणा की रैली में बोले नितिन पटेल
  • बोले- मैं अकेला नहीं, कइयों की बस छूटी

गुजरात में नया मुख्यमंत्री (Gujarat CM) चुने जाने के कुछ ही घंटों बाद सूबे के डिप्टी सीएम नितिन पटेल (Nitin Patel) ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. उन्होंने कहा, 'वो लोगों के दिलों में रहते हैं और उन्हें वहां से कोई नहीं निकाल सकता.' 

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रविवार को मेहसाणा में एक सड़क और सिविल अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए नितिन पटेल ने हल्के-फुल्के में अंदाज में कहा कि वो अकेले नहीं हैं जिनकी बस छूटी है, बल्कि उनके जैसे 'कई और' भी हैं.

गुजरात में शनिवार को विजय रुपाणी (Vijay Rupani) के इस्तीफे के बाद नितिन पटेल के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा भी जोरों पर थी, लेकिन रविवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के नाम पर मोहर लग गई. माना जा रहा है कि नितिन पटेल इस फैसले से खुश नहीं हैं. हालांकि, नितिन पटेल का कहना है कि इन दावों में कोई दम नहीं है.

भूपेंद्र पटेल जब विजय रुपाणी के साथ शाम को सरकार गठन का दावा करने के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने गए थे, तब भी नितिन पटेल वहां नहीं थे. 

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नितिन पटेल ने कहा, 'और भी कई सारे ऐसे हैं जिनकी बस छूट गई है. मैं अकेला नहीं है. इसलिए इसे उस नजर से न देखें. पार्टी फैसले लेती है. लोग गलत कयास लगाते हैं. मैंने यादव जी (विधायक दल की बैठक के बाद) से कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होना है. अगर ये जरूरी नहीं होता तो मैं यहां नहीं आता है. लेकिन क्योंकि ये जरूरी था, इसलिए यादवजी ने भी इसकी अनुमति दे दी.'

नितिन पटेल ने बीते दिन एक जनसभा में कहा, ‘मैं रास्ते में मोबाइल देख रहा था और सब कुछ चल रहा था, आप भी जानते हैं कि क्या चल रहा होगा. चल रहा था कि नितिन भाई घर चले गए, नितिन भाई ने ऐसा कहा. अरे भाई, अच्छे-अच्छे चले जाते हैं जब तक जनता के दिल में रहेंगे, कार्यकर्ता के दिल में रहेंगे, तब तक मुझे कोई निकाल नहीं सकता है. मैं भूतकाल में विपक्ष में रहा हूं, मैं लंबे वक्त तक रहा था, आज मेरा जो स्थान है वह इस मेहसाना के लोगों की वजह से है.’ 

नितिन पटेल ने कहा कि मैं सत्ताभूख वाला राजनीतिक इंसान नहीं हूं, कई आए और कई चले गए. आप याद करते हैं और कहते हैं कि मुझे याद नहीं है, मैंने क्या खाया था, क्या पिया था, वह भूल जाता है लेकिन मैंने अगर कोई काम किया था उसको लेकर कभी धर्म जाति का भेदभाव नहीं किया है और ना ही किसी और चीज का भेदभाव किया है. मैं बीजेपी के सुख से सुखी हुआ हूं और पक्ष के दुख से दुखी हुआ हूं.

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दरअसल, रविवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद नितिन पटेल वहां से निकल गए थे. इसी बारे में वो बता रहे थे कि वो बीजेपी के गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव की अनुमति मिलने के बाद ही पार्टी दफ्तर से निकले थे.

उन्होंने कहा, 'जब मैं यहां आ रहा था तो टीवी पर बहुत सारी चीजें चल रहीं थीं. मैं आपसे ये कहना चाहता हूं कि मैं लोगों के, वोटरों और पार्टी कार्यकर्ताओं के दिलों में रहता हूं, मुझे वहां से कोई नहीं निकाल सकता. मैं पहले काफी समय तक विपक्ष (जब कांग्रेस सत्ता में थी) में था.'

नितिन पटेल ने आगे कहा, 'मैं इन अटकलों से परेशान नहीं हूं. भूपेंद्रभाई हमारे अपने हैं. उन्होंने मुझे एक विधायक के रूप में अपने ऑफिस का उद्घाटन करने के लिए बुलाया था. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या बोलते हैं और क्या सोचते हैं. लेकिन मैं खतरे में नहीं हूं. क्यों? आपकी वजह से. मेरा अस्तित्व आपकी वजह से है.'

उन्होंने हाल ही में कहा था कि संविधान और धर्मनिरपेक्षता तब तक है जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं. उन्होंने कहा कि उनकी इस टिप्पणी के लिए 'कई धमकियां' मिलीं. हालांकि, उन्होंने ये भी दावा किया कि उनके इस बयान का कई नेताओं ने समर्थन भी किया.

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उन्होंने कहा, 'मैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं कहता जिसे आसानी से खारिज किया जा सके. मैंने हमेशा सरकार, अधिकारियों, मुख्यमंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख की रक्षा के लिए एक ढाल के रूप में काम किया है. मैंने सभी हमलों को सहन किया लेकिन कभी पलटवार नहीं किया. मैं वही कहता हूं जो सही है, भले ही कई लोगों को यह पसंद नहीं आए.'

भूपेंद्र पटेल की सरकार में नितिन पटेल डिप्टी सीएम बने रहेंगे या नहीं, इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. ये दोनों ही गुजरात के शक्तिशाली और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

 

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