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बकरीद: भेड़-बकरियों के एक्सपोर्ट पर बैन से करोड़ों का कारोबार ठप

सामाजिक संगठनों और पशु-प्रेमियों की तरफ से आई मांग का हवाला देते हुए सरकार ने खाड़ी देशों में किए जाने वाले भेड़-बकरियों के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. ये रोक ईद के मौके पर लगाई गई है, जिससे कारोबारियों को बड़ा नुकसान हुआ है.

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एक्सपोर्ट पर बैन से कारोबारी परेशान
एक्सपोर्ट पर बैन से कारोबारी परेशान

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ईद-उल अजहा (बकरीद) के पहले भेड़-बकरियों के एक्सपोर्ट (निर्यात) पर प्रतिबंध से कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. खाड़ी देशों के लिए गुजरात के अलग-अलग बंदरगाहों पर भेड़-बकरियों को लाया गया था, लेकिन बैन के बाद कारोबारियों के सामने परेशान खड़ी हो गई है.

कच्छ के पंडित दीनदयाल पोर्ट पर भी देश के अलग-अलग हिस्सों से भेड़-बकरियां एक्सपोर्ट के लिए लाई गई थीं. यहां से कंसाइनमेंट बकरीद के लिए खाड़ी देशों में जाने थे. लेकिन इसे रोक दिया गया. तकरीबन 8000 भेड़-बकरी आज भी एक्सपोर्ट होने के लिये कच्छ के पोर्ट के आसपास इलाकों में रखे गए हैं.

एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारी अब्दुल्ला का कहना है कि एक शिप में 35 से 40 लाख रुपये की भेड़-बकरी जाती हैं. पोर्ट पर एक्सपोर्ट के लिए 4 जहाज खड़े हैं.

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने भेड़-बकरियों के निर्यात पर रोक लगाई थी. सरकार ने तर्क दिया था कि इस संबंध में कुछ संस्थाओं और पशु-प्रेमियों की तरफ से लगातार मांग की जा रही थी, जिसके मद्देनजर यह फैसला लिया गया.

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अब व्यापारियों ने इस संबंध में गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार और पंडित दीनदयाल ट्रस्ट को नोटिस जारी किया है और मामले की सुनवाई की तारीख 23 अगस्त तय की है. ऐसे में 22 अगस्त को ईद होने के चलते व्यापारियों को फिलहाल किसी राहत के आसार नहीं हैं.

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