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1 सीट जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर, अहमद पटेल ने खुद की विधायकों की निगरानी

कांग्रेस को शुरू से ही अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है. पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को बंगलुरु के रिजॉर्ट में रखा हुआ था, अब जब मंगलवार सुबह विधायक आनंद से वोट डालने निकले तो अहमद पटेल उनके साथ-साथ ही थे.

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अहमद पटेल की सीट को बचाने के लिए जोर
अहमद पटेल की सीट को बचाने के लिए जोर

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देशभर की निगाहें इस समय गुजरात में चल रहे राज्यसभा चुनावों पर है. गुजरात में 3 सीटों पर राज्यसभा चुनाव है, लेकिन नज़रें एक सीट पर है. आंकड़ों की मानें, तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत तो पक्की लग रही है, लेकिन कांग्रेस नेता अहमद पटेल की जीत खतरे में है. शायद ऐसा पहली बार ही हो रहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए इतनी कोशिशें हो रही हैं.

कांग्रेस को अपने विधायकों की चिंता

कांग्रेस को शुरू से ही अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है. पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को बंगलुरु के रिजॉर्ट में रखा हुआ था, अब जब मंगलवार सुबह विधायक आनंद से वोट डालने निकले तो अहमद पटेल उनके साथ-साथ ही थे. सभी 44 विधायकों को एक बस में लाया जा रहा था, और अहमद पटेल की गाड़ी उनके आगे-आगे थी. यानी कांग्रेस अपने विधायकों को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. कांग्रेस विधायकों की बस वोटिंग वाली जगह पहुंच गई है.

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जेडीयू की गाड़ी में कांग्रेस के विधायक

वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके दो विधायक जेडीयू के विधायक छोटू वासवा के साथ उनकी ही गाड़ी में वोट डालने के लिए जा रहे हैं.

 

 

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को अलविदा कह चुके शंकर सिंह वाघेला ने भी अपना वोट डाल दिया है. वोट डालने के बाद वाघेला ने कहा कि उन्हें पता है कि इस चुनाव में अहमद पटेल नहीं जीतेंगे, यही कारण है कि उन्होंने पटेल को वोट नहीं दिया है. उनका कहना है कि उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने पटेल को वोट नहीं दिया है.

कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर

कांग्रेस के लिए ये लड़ाई इसलिए अहम हो जाती है कि 65 विधायकों के साथ कांग्रेस ने इस राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव और प्रभावशाली नेता अहमद पटेल को उम्मीदवार बनाया था लेकिन 6 विधायकों के इस्तीफे और कई नेताओं के संपर्क से बाहर होने के कारण कांग्रेस का सियासी गणित गड़बड़ हो गया है. हालांकि पिछले 10 दिनों से कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को पहले बंगलुरु और अब आनंद के रिजॉर्ट में रखकर लड़ाई में बने रहने की कोशिश की है लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी.

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