गुजरात के पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने मंगलवार को उनकी अर्जी खारिज कर दी. उन्होंने राज्य सरकार की ओर से अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की थी. इसकी जांच एसआईटी कर रही है.
कोर्ट ने केस में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पार्टी बनाने की मांग भी ठुकरा दी. भट्ट ने गुजरात सरकार और एसआईटी पर 2002 के गुजरात दंगों के रिकॉर्ड नष्ट करने का आरोप लगाया है. भट्ट को इसी साल अगस्त में बर्खास्त कर दिया गया था.
मोदी के खिलाफ हलफनामा
भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2002 में गोधरा में ट्रेन में आग लगाने की घटना के बाद हिंदुओं को अपना गुस्सा निकालने की खुली छूट दे दी.
भट्ट के दावे का यह आधार
भट्ट ने दावा किया है कि इस सिलसिले में 27 फरवरी 2002 को गांधीनगर में मोदी के घर एक बैठक हुई थी. इस बैठक में वह भी मौजूद थे. भट्ट 1999 से 2002 तक स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो में डिप्टी कमिश्नर रह चुके हैं.