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गुजरात दंगे: तीस्ता सीतलवाड़, संजीव भट्ट के खिलाफ SIT की चार्जशीट दायर, फर्जी कहानियां गढ़ने, गवाहों को धमकाने का आरोप

गुजरात दंगे से जुड़े मामले में तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व IPS संजीव भट्ट और श्रीकुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर हो गई है. इसमें लिखा गया है कि आरोपियों की मंशा तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पारी खत्म करना और उनकी साख को नुकसान पहुंचाने की थी.

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तीस्ता सीतलवाड़ समेत तीन आरोपियों के खिलाफ 100 पन्नों की चार्जशीट दायर (फाइल फोटो)
तीस्ता सीतलवाड़ समेत तीन आरोपियों के खिलाफ 100 पन्नों की चार्जशीट दायर (फाइल फोटो)

गुजरात दंगों से जुड़े मामले में SIT ने आज चार्जशीट दायर कर दी है. ये चार्जशीट तीस्ता सीतलवाड़, संजीव भट्ट और आर बी श्रीकुमार के खिलाफ अहमदाबाद के मैजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर हुई है. चार्जशीट में इन तीनों पर नकली सबूत गढ़ने का आरोप लगा है. पूरे 100 पेज की इस चार्जशीट में तीस्ता सीतलवाड़, संजीव भट्ट और आर बी श्रीकुमार का नाम है, इन तीनों पर गुजरात सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप है. इनपर इस मामले में केस पहले ही दर्ज हो चुका है. अब SIT ने चार्जशीट में गवाहों से जुड़े कुछ दस्तावेज भी पेश किए हैं.

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लिखा गया है कि पूर्व IPS श्रीकुमार और संजीव भट्ट प्रशासन का हिस्सा थे, बावजूद इसके वे सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे थे. लिखा गया है कि आरोपियों की मंशा तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पारी खत्म करना और उनकी साख को नुकसान पहुंचाने की थी. इसके लिए फर्जी दस्तावेज, फर्जी एफिडेविट के लिए बकायदा वकीलों को फौज तैयार की गई.

यह भी लिखा गया है कि पीड़ितों को गुमराह करते हुए जो घटनाएं नहीं घटी ऐसी मनगढ़ंत कहानियों पर हस्ताक्षर लिए गए. दस्तावेज अंग्रेजी में होते थे लिहाजा वे पीड़ितों की समझ से बाहर थे.

इतना ही नहीं, चार्जशीट में लिखा है कि तीस्ता का साथ देने को राजी नहीं होने पर गवाहों को डराया-धमकाया जाता था और यह काम पुलिस अफसर ही करते थे. लिखा है कि पूर्व IPS श्रीकुमार गुजरात दंगों से जुड़े गवाहों को धमकाते थे. कहते थे कि तीस्ता से सुलह कर लो, नहीं तो मुसलमान विरोधी बन जाओगे और फिर आतंकवादियों के टारगेट पर रहोगे. चार्जशीट के मुताबिक, गवाहों से कहा जाता था कि साथ मिलकर काम करते हैं. वर्ना दुश्मनों को फायदा होगा और मोदी को सीधा फायदा होगा.

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'चंदा जुटाने के लिए पीड़ितों को जगह-जगह घुमाया'

चार्जशीट में आगे लिखा है कि पीड़ितों को गुजरात से बाहर अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया. वहां उनके दुख-दर्द के नाम पर लाखों का चंदा इकट्ठा किया गया. इस साजिश के लिए अहमदाबाद के शाहपुर में एक दफ्तर को अड्डा बनाया गया था.

SIT के मुताबिक, तीस्ता और भारतीय नेशनल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने मिलकर दंगा पीड़ितों के कैंप में जाकर कहा था कि गुजरात में न्याय नहीं मिलेगा, इसलिए गुजरात से बाहर कोर्ट में अपील करनी चाहिए. चार्जशीट में लिखा है कि तीस्ता और संजीव भट्ट संपर्क में थे और भट्ट नामी पत्रकारों, NGO, गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष से ईमेल के जरिए संपर्क में थे. यह भी दावा किया गया है कि सरकार के खिलाफ एफिडेविट दाखिल नहीं करने पर एक गवाह का संजीव भट्ट ने अपहरण तक किया था. फिर बाद में फर्जी एफिडेविट फाइल करवाया गया.

बता दें कि केस की मुख्य आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ को इसी महीने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. इसके बाद वह मुंबई चली गई थीं. उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

 

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