महिला जासूसी मामले में नरेंद्र मोदी, अमित शाह और आईपीएस अधिकारी जीएस सिंघल की समस्या कम होती नजर नहीं आ रही है. कच्छ लडायक मंच नाम की एक संस्था ने थाने में शिकायत दर्ज करवाकर बीजेपी के पीएम उम्मीदवार के समक्ष नई दिक्कत खड़ी कर दी हैं.
मंच ने थाने में आरटीआई से हासिल सरकारी जवाब और उस ऑडियो टेप की सीडी भी दी है जिसमें अमित शाह और सिंघल के बीच बातचीत का ब्योरा है. मंच ने अर्जी में लिखा है कि कच्छ की एक महिला की गैरकानूनी ढंग से जासूसी की गई. इसकी क्रिमिनल एक्ट के तहत जांच होनी चाहिए.
मंच ने आरटीआई को बनाया शिकायत का आधार
- मंच ने अर्जी को आधार देने के लिए जिन तीन आरटीआई आवेदन और उसके जवाब सौंपे हैं, उनमें पहली अर्जी में सवाल किया गया है कि 2005 से 2009 के बीच मोदी कितनी बार कच्छ आए और कहां-कहां रुके. साथ ही वह इस दौरान किनसे मिले और यात्रा पर कुल कितना खर्च आया.
जवाब में सरकार ने कहा कि सीएम के कच्छ दौरे के बारे में उनके पास कोई जानकारी नही है.
- वहीं दूसरी आरटीआई में मोदी के मोबाइल के सीडीआर की मांग की गई थी. ऑफिस से घर की ओर की जाने वाली कॉल्स का ब्योरा मांगा गया.
जवाब में उन्हें सरकार ने कहा कि मोदी 2008 के बाद से मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते.
- तीसरी आरटीआई में यह जानकारी मांगी गई थी कि 2001 से लेकर 2012 तक सीएम को सीएम बंग्लो पर और सीएम ऑफिस में कौन-कौन मिलने आया, उसका ब्योरा दिया जाए.
जवाब में सरकार ने कहा कि इसकी जानकारी उसके पास नहीं है.
हालांकि पुलिस ने कच्छ लडायक मंच की शिकायत तो स्वीकार कर ली है लेकिन उसका कहना है कि इस मामले में सरकार ने पहले ही कमीशन गठित किया हुआ है.
मंच का कहना है कि जिस लड़की की जासूसी मोदी और अमित शाह ने करवाई थी वो कच्छ की रहने वाली है. मांच ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले में पुलिस ने सात दिन के भीतर क्रिमनल एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं तो वह सुप्रीम कोर्ट कि गाइडलाइंस के तहत एफआईआर दर्ज करवाएंगे और न्यायिक जांच की मांग करेंगे.