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गुजरात: आंदोलन करने वाले 10 दलित मजदूरों ने खाया जहर, अस्पताल में भर्ती

घटना के बाद 10 मजदूरों को अस्पताल ले जाया गया. जहां से इन सभी मजदूरों को सुरेन्द्रनगर के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया. जानकारी के मुताबिक दलित श्रमिक पिछले 40 दिनों से कंपनी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.

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मजदूरों ने खाया जहर (फोटो-गोपी घांघर)
मजदूरों ने खाया जहर (फोटो-गोपी घांघर)

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  • 10 मजदूरों ने की आत्महत्या की कोशिश
  • मजदूरों को अस्पताल में कराया गया भर्ती

गुजरात में मजदूरों की ओर से जहरीली दवाई पीकर आत्महत्या करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मजदूरों को स्थायी न किए जाने के कारण 10 दलित मजदूरों ने आत्महत्या करने की कोशिश की है.

मामला सुरेंद्रनगर जिले का है. जहां निजी कपंनी के जरिए स्थायी न किए जाने पर 10 दलित मजदूरों ने जहरीली दवाई पीकर आत्महत्या का प्रयास किया. सुरेन्द्रनगर की धाग्रंधा केमिकल वर्क्स डीसीडब्ल्यू कंपनी में काम करने वाले 10 दलित मजदूर ने जहरीली दवाई पी ली.

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दरअसल, पिछले कुछ महीनों से कंपनी के 40 से भी ज्यादा मजदूर कंपनी के जरिए उनको निकाल देने और स्थायी न करने के मुद्दे को लेकर हड़ताल पर थे. हालांकि, अब इन मजदूरों ने खुद को कंपनी में स्थायी न किए जाने का विरोध करते हुए आत्महत्या करने की धमकी दी थी. उसी धमकी के चलते अचानक 10 मजदूरों ने अपने प्रदर्शन वाली जगह जहर पी लिया.

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घटना के बाद 10 मजदूरों को अस्पताल ले जाया गया. जहां से इन सभी मजदूरों को सुरेन्द्रनगर के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया. जानकारी के मुताबिक दलित श्रमिक पिछले 40 दिनों से कंपनी के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि कंपनी की ओर से उनकी मांगों पर सहमति नहीं जताई जा रही थी.

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दलित श्रमिकों की मांग थी कि उन्हें कंपनी में स्थायी नौकरी मिले और उन्हें मिलने वाला वेतन भी स्थायी कामदारों के बराबर हो. आंदोलन कर रहे दलित श्रमिकों में से कई श्रमिक 10 साल से ज्यादा वक्त से कंपनी में नौकरी कर रहे थे.

पहले भी आत्महत्या की कोशिश

यह लोग पहले भी कंपनी के सामने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर चुके हैं और इससे पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुके हैं. श्रमिकों का आरोप है कि उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया, जिसके कारण उन्होंने ये कदम उठाया है.

श्रमिकों के जरिए आत्महत्या का प्रयास किए जाने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और आत्महत्या का प्रयास करने वाले सभी श्रमिकों को अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल इस मामले में किसी पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

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