गुजरात के सूरत (Gujarat Surat) में एक नदी का पानी इस कदर ज़हरीला हो गया कि नदी में मछलियां दम तोड़ती नज़र आईं. नदी में मर रही मछलियों को देखने गांव वाले नदी के तट पर पहुंचे और मृत मछलियों एकत्रित कर नदी साफ की.
यह मामला सूरत की कीम नदी का है. इस नदी का पानी इस कदर ज़हरीला हो गया है कि नदी में मछलियां मरने लगी हैं. कीम नदी का पानी यूं तो हमेशा प्रदूषित रहा है, लेकिन इतना प्रदूषित पहली बार हुआ है कि मछलियों की मौत होने लगी. इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. पिछले कुछ दिनों से कीम नदी में ज़हरीला केमिकल वाला पानी छोड़ा जा रहा है. इसकी शिकायत भी स्थानीय लोग प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.
फैक्ट्रियों से छोड़ा जा रहा केमिकल
सूरत के कीम इलाक़े में केमिकल फैक्ट्रियां (Chemical factories) चलाने वाले केमिकल माफिया रात के अंधेरे में कीम नदी में केमिकल वाला पानी छोड़ रहे हैं. इसके चलते नदी का पानी ज़हरीला हो गया है. नदी की मछलियां दम तोड़ रही हैं. नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीण मृत मछलियों को पानी से निकालकर अलग कर रहे हैं.
'अधिकारियों से कर चुके शिकायत, सुनते ही नहीं'
सूरत के ओलपाड क्षेत्र के किसान नेता दर्शन नायक ने केमिकल माफ़िया पर नदी के पानी को ज़हरीला करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इस मामले को लेकर गुजरात पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों और कलेक्टर से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
आठ दिन पहले भी हुई थी मछलियों की मौत
सूरत ज़िले में ओलपाड तहसील से निकलने वाली नदी में केमिकल माफ़िया द्वारा केमिकल रात के समय छोड़ा जा रहा है. नदी के आसपास रहने वाले किसान और अन्य तमाम लोगों ने गुजरात पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और कलेक्टर को मौखिक व लिखित रूप से शिकायत की है. आठ दिन पहले भी नदी में मछलियों की मौत हुई थी.
केमिकल की वजह से हो गई थी 6 श्रमिकों की मौत
गौरतलब है कि सूरत के जीआइडीसी इलाक़े में कुछ दिन पहले केमिकल माफिया द्वारा केमिकल से भरा टैंकर नाले में डालने से नज़दीक के कपड़ा मिल में काम करने वाले 6 श्रमिकों की मौत हो गई थी, जबकि 23 श्रमिक घायल हो गए थे. इस घटना को बीते अभी चंद दिन ही हुए थे कि सूरत में एक बार फिर से केमिकल माफिया सक्रिय हो गए.