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कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से गुजरात वाइब्रेंट समिट स्थगित, पीएम मोदी को भी होना था शामिल

गुजरात सरकार की तरह से गुरुवार को राजस्व मंत्री राजेन्द्र त्रिवेदी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी के विचारों को ध्यान में रखते हुए और कोरोना की बढ़ते मामलों को देखते हुए वाइब्रेंट समिट को स्थगित करने का फैसला लिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना की वजह से गुजरात वाइब्रेंट समिट स्थगित
  • पीएम मोदी को भी होना था शामिल
  • गुजरात में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

वाइब्रेंट गुजरात समिट-2022 की तैयारियों के पीछे करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद गुजरात सरकार ने कोरोना के बढ़ते केस की वजह से समिट को स्थगित करने का फैसला किया है. गुजरात सरकार के इस वाइब्रेंट गुजरात समिट में पीएम मोदी भी शामिल होने वाले थे. ये कार्यक्रम 10 जनवरी से लेकर 12 जनवरी के बीच आयोजित होना था, जिसे अब स्थगित कर दिया गया है.

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गुजरात सरकार की तरह से गुरुवार को राजस्व मंत्री राजेन्द्र त्रिवेदी ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी के विचारों को ध्यान में रखते हुए और कोरोना की बढ़ते मामलों को देखते हुए वाइब्रेंट समिट को स्थगित करने का फैसला लिया है.

इस समिट में 26 पार्टनर देश शामिल थे. यही वजह है कि इस बार का स्लोगन आत्मनिर्भर गुजरात से बदलकर आत्मनिर्भर भारत रखा गया था. इस बार गुजरात गेटवे ऑफ इंडिया की भूमिका अदा कर रहा था. इस समिट में जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, रूस, इजरायल, सिंगापुर, स्वीडन, साउथ कोरिया, डेनमार्क और फिनलैंड समेत अन्य देशों को हिस्सा लेना था.
 
गुजरात में ना सिर्फ वाइब्रेंट्र गुजरात समिट को स्थगित किया गया है, बल्कि इस साल मकर संक्राति से पहले होने वाले पंतग महोत्सव और फ्लावर शो को भी स्थगित कर दिया गया है.

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बता दें कि गुजरात में पिछले 24 घंटे में 3350 कोरोना के नए केस दर्ज हुए हैं. अकेले अहमदाबाद में ही 1600 से ज्यादा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. राज्य में लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से विपक्षी पार्टी कांग्रेस वाइब्रेंट समिट को रद्द करने की मांग कर रही थी.

गौरतलब है कि जब आजतक ने एक खास कार्यक्रम में सड़क परिवहन मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन गडकरी से कोरोना काल में नई-नई योजनाओं के शुभारंभ को लेकर सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि हम कोई साधु संत नहीं, बल्कि एक राजनीतिक पार्टी हैं.

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