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गुजरातः प्रवासी मजदूरों पर दर्ज 515 केस वापस लेगी सरकार, जानें क्या है पूरा मामला?

गुजरात की विजय रूपाणी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के खिलाफ दायर किए गए केस को वापस लेने का फैसला लिया है. मजदूरों पर ये केस पिछले साल लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में दर्ज किए गए थे.

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लॉकडाउन में घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े थे प्रवासी कामगार (फाइल फोटो-PTI)
लॉकडाउन में घर जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े थे प्रवासी कामगार (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 515 केस वापस लेगी सरकार
  • लॉकडाउन उल्लंघन पर थे केस

गुजरात सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों पर लगाए गए केस को वापस लेने का फैसला लिया है. इन मजदूरों पर पिछले साल लॉकडाउन के दौरान केस दर्ज किए गए थे, लेकिन अब सरकार ने इस मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है.

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दरअसल, पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से देश में टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया था. उससे सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर ही हुए थे. इन मजदूरों ने घर भेजे जाने की मांग को लेकर हंगामा और प्रदर्शन भी किया था. इन्हीं कुछ कारणों की वजह से प्रवासी मजदूरों पर 700 से ज्यादा केस दर्ज किए गए थे. 

पिछले साल पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर ही कई मजदूरों के खिलाफ केस दर्ज किया था. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने 725 प्रवासी मजदूरों पर लॉकडाउन उल्लंघन का केस दर्ज किया था. इनमें से करीब 200 केस हाईकोर्ट ने रद्द कर दिए हैं. और बाकी बचे 515 केस को विजय रूपाणी (Vijay Rupani) की सरकार ने वापस लेने का फैसला लिया है. इससे मजदूरों के ऊपर जो भी केस लगे थे, उन्हें रद्द कर दिया गया है.

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मजदूरों ने किया था जमकर हंगामा
पिछले साल गुजरात के कई हिस्सों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसक हो गया था. लॉकडाउन के बीच सूरत शहर में घर वापस लौटने की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर सड़क पर उतर आए थे. इन मजदूरों ने शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया था. इस मामले में पुलिस ने करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया था.

 

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