पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट का असर गुजरात में भी दिखा. गुजरात के जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टरों ने बंगाल की इस घटना के विरोध में एक दिन का धरना प्रदर्शन किया. बता दें कि बीते कई दिनों से डॉक्टर हड़ताल पर थे. सोमवार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से डॉक्टरों की मांग मान लिए जाने के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दिया.
डॉक्टरों के इस विरोध में अहमदाबाद मेडिकल एसोसिएशन भी जुड़ा और सभी सीनियर डॉक्टर्स ने अपने अस्पताल बंद रखे. डॉक्टरों के साथ हो रहे हमले का विरोध किया और डॉक्टर को सुरक्षा मुहैया कराए जाने के मांग की. साथ ही वर्किंग डॉक्टर्स पर इस प्रकार के हमले न हो इसके लिए सख्त कानून बनाने की भी मांग की.अहमदाबाद के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि डॉक्टरों के साथ मारपीट हो रही है. बंगाल में इंटर्न डॉक्टर को मारा गया. गुंडों ने हॉस्टल पर अटैक किया, लड़कियों पर एसिड फेंका, ऐसी ही घटनाएं हर रोज देश में एक से दो डॉक्टरों पर हो रही है. डॉक्टर लोगों को बचाता है और अब डॉक्टर के साथ ऐसा हो रहा है. ऐसा ही रहा तो डॉक्टर अपने काम जिम्मेदारी के साथ नहीं कर पाएंगे इसलिए ये सब बंद होना चाहिए.
वहीं, सीनियर डॉक्टरों का कहना है कि हमने सरकार के सामने काफी बार हमारी मांग रखी, पर सरकार ने हमारी मांग कभी नहीं मानी, इसलिए हम इस बार डॉक्टरों पर हमले करने वालों के खिलाफ ठोस और सख्त कानून बने इसलिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं. ऐसा कानून बने की हमला करने वालों को 7 से 14 साल तक की सजा का प्रावधान हो और उन्हें जमानत तक न दी जाए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट आज सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को यह याचिका दायर की गई थी.