सीआर पाटिल गुजरात में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और नवसारी सीट से रिकॉर्ड मतों के अंतर से इस बार जीत दर्ज की है. इस बार पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में उन्हें भी जगह मिली है. उन्हें जल शक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. उनकी पहचान बीजेपी के एक समर्पित नेता और कार्यकर्ता के रूप में है. वह पिछले तीन दशक से बीजेपी से जुड़े हुए हैं और 2009 में वह पहली बार सांसद बने थे.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल को नवसारी सीट से जीत मिली. इस बार उन्होंने 7.77 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से जीत दर्ज की. सीआर पाटिल की जीत से ज्यादा चर्चे वोटों के अंतर को लेकर हो रहे हैं. इसके पीछे वजह पाटिल का हर चुनाव में जीत का अंतर पिछली बार से अधिक होते जाना है. उन्होंने पिछले तीन चुनाव तो 5.5 लाख वोट से भी अधिक के अंतर से जीते हैं.
2009 में लड़ा था पहला चुनाव
सीआर पाटिल ने साल 2009 में अपने सियासी जीवन का पहला चुनाव लड़ा. वह गुजरात की नवसारी सीट से सांसद निर्वाचित हुए और जीत का अंतर 1 लाख 32 हजार रहा था. सीआर पाटिल 2014, 2019 और अब 2024 में भी इसी सीट से सांसद चुने गए और हर बार जीत का अंतर बढ़ता ही चला गया. पिछले तीन चुनाव में तो उनकी जीत का अंतर 5 लाख 50 हजार से भी अधिक का रहा है. सीआर पाटिल 2014 में 5 लाख 58 हजार, 2019 में 6 लाख 89 हजार वोट से जीत हासिल की थी. 2019 में उनकी जीत का अंतर देश में सबसे ज्यादा था. पाटिल इस बार 7.77 लाख वोट के अंतर से जीते हैं. नवसारी लोकसभा क्षेत्र में नवसारी के साथ ही सूरत जिले की विधानसभा सीटें भी आती हैं.
1989 से सियासत में हैं पाटिल
साल 1989 में जब नरेंद्र मोदी बीजेपी के महासचिव हुआ करते थे, सीआर पाटिल तब सियासत में आए थे. पीएम मोदी के करीबियों में गिने जाने वाले सीआर पाटिल ने आईटीआई करने के बाद गुजरात पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी भी की. 1984 में गुजरात पुलिस की नौकरी छोडकर पाटिल ने अपना व्यवसाय शुरू किया. समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहे सीआर पाटिल को गुजरात में बीजेपी सरकार आने के बाद गुजरात एग्रो निगम का चेयरमैन भी बनाया गया था. सूरत और दक्षिण गुजरात में बीजेपी की मजबूती के पीछे पाटिल का बड़ा योगदान माना जाता है.
14 साल गुजरात पुलिस में रहे कांस्टेबल
पाटिल का जन्म 16 मार्च 1955 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पिंपरी अकारौत गांव में एक पुलिस कांस्टेबल रघुनाथ और सरूबाई पाटिल के घर हुआ था. 1951 में परिवार गुजरात चला गया था. उन्होंने आईटीआई, सूरत में स्कूल के बाद तकनीकी प्रशिक्षण हासिल किया. अपने पिता की तरह, उन्होंने भी 1975 से गुजरात पुलिस में पुलिस कांस्टेबल के रूप में काम किया और 14 वर्षों तक सेवा की.
सीआर पाटिल 1989 में बीजेपी में शामिल हुए. उन्होंने 1991 में 'नवगुजरात टाइम्स' नाम के एक गुजराती दैनिक के लिए काम करना शुरू किया लेकिन उसके बाद वे राजनीति में आ गए. वह गुजराती, हिंदी, मराठी और अंग्रेजी भाषाएं जानते हैं.उन्होंने सूरत शहर के बीजेपी कोषाध्यक्ष के रूप में शुरुआत की और फिर सूरत शहर के बीजेपी उपाध्यक्ष बने. 1998 में, उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल द्वारा राज्य पीएसयू, गुजरात अल्कलीज़ एंड केमिकल्स लिमिटेड (GACL) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.