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गुजरात चुनाव: नामाकंन वापस लेने के बाद जरीवाला घर से गायब, AAP ने प्रत्याशियों को होटल में दी ट्रेनिंग 

गुजरात की सूरत पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कंचन जरीवाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद आप ने अपने 17 नवंबर दोपहर 3 बजे तक यानी नामांकन वापस लेने के आखिरी समय तक प्रत्याशियों को होटल में शिफ्ट कर ट्रेनिंग दी. सूरत की एक सीट से आप प्रत्याशी ने इसकी जानकारी दी है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

गुजरात विधानसभा चुनाव में सूरत की पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कंचन जरीवाला ने ड्रामेबाजी के बीच अपना नामांकन वापस ले लिया था और अब उनका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है. जरीवाला अपने घर से भी गायब हैं. कंचन जरीवाला द्वारा नामांकन वापस लिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को अपने सभी उम्मीदवारों को एक जगह इकट्ठा किया क्योंकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 17 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक थी. 

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आम आदमी पार्टी के सुबह से गायब प्रत्याशी शाम होते-होते अपने ठिकानों पर पहुंच गए थे. इन्हीं में सूरत की उधना सीट से प्रत्याशी महेंद्र नानाभाई पाटिल भी थे. आजतक से बात करते हुए उन्होंने बताया कि पंजाब का एक AAP कार्यकर्ता हमेशा उनके साथ रहता है. उसी का फोन आया था कि ट्रेनिंग के लिए एक मीटिंग रखी गई है, वहां जाना है तो हम अपनी कार से उनकी बताई गई लोकेशन पर पहुंच गए थे. 

आप उम्मीदवार पाटिल ने बताया कि सूरत से बाहर अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर कड़ोंदरा इलाके के एक होटल में ट्रेनिंग के लिए ले जाया गया था. उन्होंने कहा कि वहां दक्षिण गुजरात की सभी सीटों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी मौजूद थे. 

चंदा लेकर चुनाव लड़ेंगे 'AAP' प्रत्याशी 

आम आदमी पार्टी पंजाब की तर्ज पर गुजरात चुनाव लड़ेगी. पार्टी की ओर से हर प्रत्याशियों के साथ पंजाब से आए नेताओं और कार्यकर्ताओं को जोड़ा गया है. इससे पहले पार्टी की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव स्ट्रेटेजिकली कैसे लड़ा जाएगा इस पर चर्चा हुई. इसमें सबसे अहम है कि पार्टी ने प्रत्याशियों को चुनावी फंड के लिए जनता के बीच जाकर सहयोग मांगे. प्रत्याशी गुल्लक बनाकर लोगों से चुनाव लड़ने के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं. 

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जरीवाला ने कहा- गुटबाजी के चलते वापस लिया नामांकन 

जरीवाला ने आजतक' से बातचीत में कहा था कि उन्होंने किसी के दबाव में नामांकन वापस नहीं लिया है और ना इसके लिए उनका या उनके परिवार का अपहरण किया गया था. पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और लोगों के आम आदमी पार्टी के खिलाफ आने वाले ओपिनियन के चलते और पारिवारिक कारणों के चलते नामांकन वापस लिया है. उन्होंने कहा था कि मेरा फॉर्म भरने के बाद मैंने लोगों से और समाज के लोगों से बात की. मैंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि वो मेरा इसलिए सपोर्ट नहीं करेंगे, क्योंकि मैं आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा हूं. मैं अपने समाज के लोगों के पास गया तो उन्होंने बोला कि ये राष्ट्रीय विरोधी पार्टी है. इसलिए मैं मानसिक तनाव में चला गया था. इसलिए मैंने उम्मीदवारी वापस लेने का मन बनाया. 

 

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