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जाति प्रमाण पत्र के लिए काटे चक्कर, हारकर कर लिया सुसाइड... बेटी की नौकरी जाने का था डर

गुजरात के महिसागर उदाभाई डामोर की बेटी द्रुविषा को एसटी जाति के आधार पर वाव के थराद क्षेत्र में डाकघर में नौकरी मिली थी. इसके लिए उनके द्वारा जमा किया गया प्रमाण पत्र गुजराती भाषा में था और 10 दिनों इसे अंग्रेजी भाषा में बनाकर जमा करना था. इसके लिए उदाभाई दफ्तर के चक्कर काटकर इतना थक गए कि उन्होंने जान ही दे दी.

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जाति प्रमाण पत्र के लिए काटे चक्कर, हारकर कर लिया सुसाइड (सांकेतिक तस्वीर)
जाति प्रमाण पत्र के लिए काटे चक्कर, हारकर कर लिया सुसाइड (सांकेतिक तस्वीर)

गुजरात के महिसागर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां जरूरी काम से सरकारी दफ्तर के चक्कर काट काटकर एक शख्स इस कदर तंग हो गया कि उसने आत्महत्या ही कर ली

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यहां के कडाणा तालुका के रणकपुर गांव में रहने वाले उदाभाई डामोर की बेटी द्रुविषा को एसटी जाति के आधार पर वाव के थराद क्षेत्र में डाकघर में नौकरी मिली थी.इसके लिए उनके द्वारा जमा किया गया प्रमाण पत्र गुजराती भाषा में था. लेकिन डाकघर की नौकरी केंद्र सरकार की होने के कारण, डाकघर में द्रुविषा को 10 दिनों के अंदर अंग्रेजी भाषा में एसटी जाति का प्रमाण पत्र जमा करना था.

ऐसे में द्रुविशा के पिता उदाभाई डामोर लगातार कडाणा गांव स्थित मामलतदार कार्यालय में चक्कर लगा रहे थे लेकिन मामलतदार कार्यालय के डिप्टी मामलतदार सुरेश सांगड़ा और मुख्य मामलतदार हर्षद भाई परमार उनसे इसका सबूत मांग रहे थे. कथित तौर पर उदाभाई डामोर द्वारा सबूत दिए जाने के बाद भी उनके और सबूत मांगे जा रहे थे. इससे द्रुविषा के पिता डामोर तंग आ गए थे. 

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प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर अपनी बेटी की नौकरी चली जाएगी, यह सोचकर वह परेशान हो रहे थे . मामलतदार ऑफिस में बहुत सारे प्रयास के बाद भी अंग्रेजी भाषा में जाति प्रमाण नहीं मिलने पर पिता ने तंग आकर अपने घर के नजदीक आए खेत में लगे पेड़ से लटक कर खुदकुशी कर ली . खुदकुशी करने से पहले पिता ने सुसाइड नोट भी लिखा है जिनमें  मामलतदार और डिप्टी मामलतदार के नाम का जिक्र किया गया है.

 

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