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गुजरात: अरावली में तेंदुए का खौफ, खेतों की देखरेख के लिए किसान ने अपने लिए बनाया पिंजरा

भाटकोटा पंथक में तेंदुए के आतंक से किसान व पशुपालक चिंतित हैं. खेत में फसल की सुरक्षा और तेंदुओं की जान को खतरा न हो इसके लिए एक किसान ने खेत की क्यारी पर लोहे का पिंजरा बना लिया है. हालांकि, लोहे का पिंजरा बनाना हर किसान के लिए एक मुश्किल काम है, ऐसे में किसानों के बीच अपनी जान बचाने या अपनी फसल बचाने में से एक चुनने की स्थिति पैदा हो गई है.  

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पिंजरे में रहने को मजबूर किसान
पिंजरे में रहने को मजबूर किसान

गुजरात में अरावली जिले के मोडासा तालुका के भाटकोटा गांव के आसपास के इलाके में चार तेंदुए पानी और भोजन की तलाश में भटक रहे हैं, जिससे किसानों सहित लोगों में काफी दहशत है. भाटकोटा पंथक में तेंदुए के आतंक से किसान व पशुपालक चिंतित हैं. खेत में फसल की सुरक्षा और तेंदुओं की जान को खतरा न हो इसके लिए एक किसान ने खेत की क्यारी पर लोहे का पिंजरा बना लिया है. हालांकि, लोहे का पिंजरा बनाना हर किसान के लिए एक मुश्किल काम है, ऐसे में किसानों के बीच अपनी जान बचाने या अपनी फसल बचाने में से एक चुनने की स्थिति पैदा हो गई है.  

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तेंदुए के डर से लाठियां लेकर तैनात लोग

ग्रामीणों का कहना है कि चार तेंदुओं ने रात के समय भातकोटा गांव के मंदिर के पास खेत में डेरा डाल रखा है. इतना ही नहीं, उनका कहना है कि गांव वाले लगातार तीन से चार घंटे तक मंदिर के सामने डंडे लेकर खड़े रहते हैं, इस डर से कि कहीं गांव में तेंदुए घुस न जाएं और मंदिर के आसपास घूमते हुए उन्हें मार न डालें. यहां ऐसा लग रहा है मानो तेंदुए के परिवार और ग्रामीणों के बीच युद्ध छिड़ गया हो.  

सुरक्षा के लिए लोहे का पिंजरा बनवाया

किसान जान जोखिम में डालकर खेती कर रहे हैं क्योंकि भातकोटा गांव सहित आसपास के पंथक के जंगल में तेंदुए रहते हैं. खेत में खड़ी फसल में मिलावट और तेंदुए के शिकार की आशंका से बचने के लिए भरत राव नामक किसान खेत में क्यारियों पर लोहे का पिंजरा बनाकर फसल की रक्षा करने को विवश हो गया है.

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वन विभाग की विफलता

भाटकोटा, रामेश्वर कांपा, गोखरवा, शामपुर सरदोई, लालपुर सहित 15 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए के आंतक और गड्डा, शामपुर गांव में मवेशियों के मारे जाने से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है. तेंदुए देखे जाने वाले इलाकों में पिंजरा लगाकर वन विभाग संतुष्ट है, लेकिन पिछले एक महीने से लोग अपनी जान हथेली पर लेकर चल रहे हैं. लोगों की मांग है कि तेंदुओं के आदमखोर बनने और इंसानों का शिकार करने से पहले उन्हें पिंजरों  में बंद कर दिया जाए.
 

 

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