गुजरात राज्यसभा चुनाव का रण राजधानी दिल्ली तक पहुंचा. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के दो बागी विधायकों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वोटिंग की, इसलिए उन दोनों के वोट रद्द होने चाहिए. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की इस दलील को सही माना और दोनों विधायकों के वोट रद्द कर दिए.
मंगलवार सुबह 9 बजे शुरू हुई वोटिंग दोपहर 2 बजे तक चली. उसके बाद देश ने राज्यसभा चुनाव का हाई वोल्टेज ड्रामा देखा. घमासान अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचा. आखिरकार देर रात 1:30 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई और अहमद पटेल आधे वोट से जीते.
दो वोट रद्द होने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई. जिसके बाद अहमद पटेल को जीत के लिए 43.51 वोट की दरकार थी. अहमद पटेल को इससे महज आधा वोट ज्यादा मिला यानी उन्हें 44 वोट मिले और वो जीत गए. जबकि दूसरी तरफ अमित शाह और स्मृति ईरानी को 46-46 वोट मिले.
नतीजों के बाद गुजरात के सीएम विजय रूपानी ने भी इस बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास समर्थकों के साथ मिलकर कुल 61 वोट थे, मगर उन्हें सिर्फ 44 वोट ही मिले. विजय रुपानी ने चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसके खिलाफ कानून लड़ाई लड़ने का दावा किया.
मगर नतीजों से पहले दोनों पार्टियों ने इस मसले पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी. कांग्रेस के दो नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से शिकायत की तो बीजेपी की तरफ से 6 केंद्रीय मंत्रियों ने आयोग पहुंचकर कांग्रेस की मांग को दरकिनार करने की अपील की. दोनों पार्टियों में नजर आई इस बौखलाहट के पीछे वोटों का गणित है.
इसलिए हुई खींचतान
दरअसल, गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई. दो सीटों पर बीजेपी नेता अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी. मगर तीसरी सीट को लेकर समीकरण बेहद पेचीदा थे. इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और बीजेपी नेता बलवंत राजपूत के बीच मुकाबला था.
अहमद पटेल को जीतने के लिए 45 वोट की जरूरत थी. उन्हें अपनी पार्टी के 44 विधायकों का ही समर्थन प्राप्त था. कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने दावा किया था कि अहमद पटेल को 45 वोट मिलेंगे. गहलोत का दावा था कि 43 कांग्रेसी विधायकों, एक जेडीयू और एक एनसीपी के विधायक ने अहमद पटेल को वोट दिया. यानी अहमद पटेल को 45 वोट मिलने का आंकड़ा पेश किया जा रहा था.
कांग्रेस ने जिन 2 विधायकों के वोटों को लेकर विरोध किया, वो पहले ही पार्टी से बगावत कर चुके थे. यानी अहमद पटेल को उनका समर्थन नहीं मिलेगा, ये पहले से ही साफ था. बावजूद इसके कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इन दो विधायकों के वोट रद्द करने की शिकायत इसलिए की है, क्योंकि ऐसा होने पर अहमद पटेल की जीत का आंकड़ा 44 जाता और आखिरकार यही हुआ. अहमद पटेल ने 44 वोट पाकर जीत दर्ज की.