गुजरात में पिछले काफी समय से जलसंचय पर काम हो रहा है. ऐसे में कई ऐसे भी गांव हैं जहां के तालाब को गहरा कर बारिश के पानी को संग्रह करने का बिड़ा खुद गुजरात के नामी व्यापारियों ने उठाया है.
"/> गुजरात में पिछले काफी समय से जलसंचय पर काम हो रहा है. ऐसे में कई ऐसे भी गांव हैं जहां के तालाब को गहरा कर बारिश के पानी को संग्रह करने का बिड़ा खुद गुजरात के नामी व्यापारियों ने उठाया है.
"/> गुजरात में पिछले काफी समय से जलसंचय पर काम हो रहा है. ऐसे में कई ऐसे भी गांव हैं जहां के तालाब को गहरा कर बारिश के पानी को संग्रह करने का बिड़ा खुद गुजरात के नामी व्यापारियों ने उठाया है.
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पिछले काफी वक्त से गुजरात सरकार जलसंचय कार्यक्रम चला रही है. इस कार्यक्रम के तहत सरकार गांव के पुराने तालाब को गहरा कर बारिश के पानी को ज्यादा से ज्यादा संग्रह करने पर काम कर रही है. हालांकि, कई ऐसे भी गांव हैं, जहां के तालाब को गहरा करने का बीड़ा खुद गुजरात के नामी व्यापारियों ने उठाया है.
ऐसा ही काम सूरत के डायमंड किंग सावजी ढोलकिया ने किया है. उन्होंने अपने गांव अमरेली जिले के दुधाला के तालाब को खुद अपने खर्च पर गहरा किया है. अब आलम ये है कि बारिश की वजह से पूरा तालाब भर गया है.
ऐसे में आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी यहां तालाब के उद्घाटन समारोह में पहुंचे. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सावजी ढोलकिया के साथ उसी तालाब में स्पीड बोट का मजा लिया.
मालूम हो कि बीते कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि महज 8 फीसदी बारिश के पानी का सही तरीके से इस्तेमाल और हार्वेस्टिंग किया जाता है. इस तरह से देखा जाए तो 90 फीसदी से ज्यादा बारिश का पानी बह जाता है और इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होता, लेकिन देश में जिस तरह से जल संकट है उसके लिहाज से वर्षा जल संरक्षण बेहद जरूरी है.