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हार्दिक पटेल को हाई कोर्ट से मिली राहत, बीजेपी नेता के दफ्तर में तोड़फोड़ से जुड़ा मामला

बीजेपी नेता हार्दिक पटेल को गुजरात हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. 2015 के एक तोड़फोड़ वाले मामले में हार्दिक को कोर्ट ने राहत दी है. उस आदेश के बाद हार्दिक अब मेहसाणा जिले में जा पाएंगे. अभी तक उन पर प्रतिबंध लगा हुआ था, लेकिन अब एक साल के लिए वे एंट्री ले पाएंगे.

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बीजेपी नेता हार्दिक पटेल
बीजेपी नेता हार्दिक पटेल

बीजेपी में शामिल हो चुके हार्दिक पटेल पर कई केस दर्ज हैं. 2015 में उन्होंने जो पाटीदार आंदोलन शुरू किया था, उस वजह से उन पर कई धाराओं में केस दर्ज हुए. उसी कड़ी में एक केस बीजेपी नेता ऋषिकेश पटेल से भी जुड़ा हुआ था. आरोप था कि हार्दिक पटेल और उनके साथियों ने ऋषिकेश के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी. अब उसी केस में गुजरात हाई कोर्ट ने हार्दिक पटेल को बड़ी राहत दे दी है. अब हार्दिक एक साल तकत मेहसाणा में प्रवेश कर सकेंगे. इससे पहले वाले आदेश में उनकी जिले में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

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क्या है ये पूरा मामला?

असल में ये मामला साल 2015 का है जब गुजरात में पाटीदार आंदोलन जोरों पर चल रहा था. उस समय हार्दिक पटेल ने बीजेपी सरकार के खिलाफ राज्य में बिगुल फंकू रखा था. फिर 23 जुलाई 2015 को हार्दिक और उनके साथियों ने बीजेपी के विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी. तब राज्य की एक अदालत ने हार्दिक और उनके साथियों को दोषी माना था और दो साल की सजा का आदेश दिया था. लेकिन इतने सालों बाद गुजरात हाई कोर्ट ने हार्दिक को राहत दे दी है.

गुजरात चुनाव में हार्दिक की भूमिका

अभी तक हार्दिक पटेल की तरफ से कोर्ट के आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. लेकिन चुनावी मौसम में उन्हें मिली ये राहत मायने रखती है. विपक्षी पार्टियों के लिए ये एक बड़ा मुद्दा भी बन सकता है. वैसे गुजरात में इस बार के चुनाव में बीजेपी का पाटीदार वोटबैंक पर खासा जोर है. हार्दिक खुद क्योंकि इस समुदाय से आते हैं, ऐसे में पार्टी में उनकी भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है. इस बार बीजेपी ने हार्दिक को वीरमगाम सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर पिछले 15 साल से पार्टी जीत दर्ज नहीं कर पाई है, ऐसे में हार्दिक के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
 

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