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हार्दिक पटेल: मोदी-शाह के खिलाफ ही शुरू की थी राजनीति, आज BJP के हो जाएंगे पाटीदार आंदोलन के सूत्रधार

हार्दिक पटेल साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए और तेजी से सियासत की सीढ़ियां चढ़ते चले गए. पार्टी ने उन्हें 2020 में प्रदेश इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया. हार्दिक ने बीजेपी के विरोध की बुनियाद पर अपने सियासी सफर का आगाज किया था.

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हार्दिक पटेल (फाइल फोटोः पीटीआई)
हार्दिक पटेल (फाइल फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी के खिलाफ हमेशा मुखर रहे हार्दिक
  • गुजरात में 17 फीसदी हैं पाटीदार वोटर

गुजरात में हार्दिक पटेल को लेकर सस्पेंस अब खत्म हो गया है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से आधिकारिक तौर पर ये जानकारी दे दी गई है कि हार्दिक पटेल 2 जून को पार्टी में शामिल हो जाएंगे. हार्दिक पटेल का 2 जून का जो कार्यक्रम सामने आया है, उसके मुताबिक उन्होंने सुबह 9 बजे अपने घर पर दुर्गा पूजा का आयोजन किया है. दुर्गा पूजा के बाद हार्दिक स्वामीनारायण जाएंगे और गो पूजा करेंगे.

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हार्दिक पटेल 11 बजे बीजेपी के ऑफिस कमलम पहुंचेंगे और पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. बीजेपी कार्यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, हार्दिक पटेल को सदस्यता दिलाएंगे. इसके साथ ही हार्दिक पटेल के सियासी जीवन का नया अध्याय शुरू हो जाएंगे. कुछ दिनों पहले तक देश की सबसे पुरानी पार्टी के गुजरात में नंबर दो नेता रहे हार्दिक 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद देश में मजबूती से पैर पसारने वाली पार्टी के हो जाएंगे.

2014 में किया था सार्वजनिक जीवन का आगाज

तेजी से सियासत की सीढ़ियां चढ़ने वाले हार्दिक पटेल ने एक तरह से कहें तो 2014 में सार्वजनिक जीवन का आगाज किया था. हार्दिक तब पाटीदार संगठन सरदार पटेल ग्रुप से जुड़े थे. इस ग्रुप ने ही आगे चलकर पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया.

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सरदार पटेल ग्रुप ने साल 2015 में पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर पहली रैली विसनगर में निकाली थी. इस रैली में शामिल हार्दिक पटेल और अन्य पर बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा था. इस मामले में कोर्ट ने हार्दिक को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी. हार्दिक सुप्रीम कोर्ट गए और सर्वोच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगा दी थी.

सूरत रैली से चर्चा में आए थे हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल के लिए 2015 की रैली तो बस आगाज थी. बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ हुआ तो हार्दिक के नाम की चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन हार्दिक चर्चा में सूरत रैली से आए. सरदार पटेल ग्रुप के बैनर तले निकली इस रैली में तीन लाख से अधिक लोग जुटे थे और यहीं से शुरू हुआ था पाटीदार आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक पटेल के नेता बनने का सफर.

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हार्दिक पटेल ने 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में क्रांति रैली को संबोधित किया जिसमें दावा किया गया कि पांच लाख से अधिक लोग जुटे थे. हार्दिक ने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के खुद कार्यक्रम स्थल पर आकर ज्ञापन न लेने तक वहां से न हिलने का ऐलान कर दिया.

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अमित शाह को कहा था जनरल डायर 

हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार समाज के लोग अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में ही जम गए थे. पुलिस ने रात के समय लाठीचार्ज कर दिया जिसके बाद पाटीदार आंदोलन की आग पूरे गुजरात में भड़क उठी. पूरे प्रदेश में करीब 500 हिंसक घटनाएं हुईं और इसमें पाटीदार समाज के 14 युवकों की मौत हुई. हार्दिक पटेल और अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज कर लिए गए.

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आंदोलन के बाद पाटीदारों को मनाने के लिए अमित शाह खुद पहुंचे. पाटीदार युवाओं ने अमित शाह का विरोध किया. हार्दिक पटेल ने तो अमित शाह को जनरल डायर नाम दे दिया था. आनंदीबेन पटेल को 2017 के चुनाव से पहले इस्तीफा देना पड़ा और विजय रुपाणी नए मुख्यमंत्री बनाए गए.

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विजय रुपाणी ने आरक्षण आयोग बनाने के साथ ही आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की भी घोषणा कर दी लेकिन 2017 के चुनाव में पाटीदार वोट बंट गए और बीजेपी सौ सीट का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई. प्रदेश में पाटीदार वोटर 17 फीसदी हैं.

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2019 चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक

गुजरात में साल 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले हार्दिक पटेल और राहुल गांधी की मुलाकात हुई थी. कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को भेजकर इस पर चर्चा भी की थी कि पाटीदार समाज को किस तरह संविधान के अनुरूप आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है. हालांकि, तब तक हार्दिक पटेल खुद को पाटीदार नेता के रूप में स्थापित कर चुके थे लेकिन वे सक्रिय राजनीति से दूर ही थे. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हुए और सियासत के नवप्रवेशी हार्दिक को पार्टी ने साल 2020 में सबसे कम उम्र का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी. 

बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रहे हार्दिक पटेल

हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस में नंबर दो का ओहदा मिला तो उनके तेवर बीजेपी के खिलाफ और तल्ख हो गए. हार्दिक पटेल बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रहे और पार्टी के बड़े नेताओं पर भी खुलकर बयानी वार करते रहे. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेताओं को लेकर भी हार्दिक पटेल ने खुलकर हमला बोला. हार्दिक पटेल ने कहा था कि बीजेपी ऐसी वॉशिंग मशीन है जिसमें नेता पर लगे कैसे भी दाग धुल जाते हैं. अब हार्दिक पटेल खुद भी बीजेपी की उसी वॉशिंग मशीन में जा रहे हैं. हार्दिक भी शायद यही उम्मीद कर रहे होंगे कि उनपर लगे दाग और कानूनी मामले निपट जाएंगे.

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