गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को बलात्कार के आरोपी आसाराम के बेटे नारायण साई की अस्थायी जमानत याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. सूरत की रहने वाली दो बहनों में से एक की ओर से दाखिल बलात्कार के मामले में नारायण साई आरोपी है और अभी जेल में बंद है.
न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह साई की जमानत याचिका पर अपना पक्ष रखे. साई ने अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए 15 दिन की जमानत मांगी है. याचिका के मुताबिक, साई की मां लक्ष्मीबेन की रीढ़ में तकलीफ है और उन्हें शहर के स्टरलिंग अस्पताल के डॉक्टरों ने सर्जरी कराने की सलाह दी है.
साई दिसंबर 2013 से ही बलात्कार के मामले में सूरत जेल में बंद है. सूरत की रहने वाली दो बहनों ने साई और उसके पिता आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बनाकर रखने तथा अन्य आरोपों के तहत अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थी. बड़ी बहन की ओर से आसाराम के खिलाफ दर्ज कराए गए बलात्कार के मामले में पुलिस ने लक्ष्मीबेन को भी आरोपी बनाया था.
बहरहाल, एक स्थानीय अदालत ने 2013 में लक्ष्मीबेन को जमानत दे दी थी. साई के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, छेड़छाड़, बंधक बनाना, गैर-कानूनी तरीके से कहीं इकट्ठा होने, जानलेवा हथियारों के साथ दंगे करने, धमकी देने और आपराधिक साजिश करने के मामले दर्ज किए गए थे.
इनपुट: भाषा