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अमित शाह और मोहन भागवत मिले, डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में हुई गूफ्तगू

राजकोट में आयोजित दो दिन के हिंदू आचार्य सभा के आखिरी दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और  बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच तकरीबन डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति और राम मंदिर पर रणनीति को लेकर चर्चा हुई.

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अमित शाह और मोहन भागवत (तस्वीर- PTI)
अमित शाह और मोहन भागवत (तस्वीर- PTI)

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राजकोट में आयोजित दो दिन के हिंदू आचार्य सभा के आखिरी दिन शुक्रवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी समेत कई साधु संत पहुंचे. हिंदू आचार्य सभा में हिस्सा लेने पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और  बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच तकरीबन डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक इस दौरान 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति और राम मंदिर पर रणनीति को लेकर चर्चा हुई.

हिंदू आचार्य सभा में हिस्सा लेने बिहार से पहुंचे स्वामीनाथ आचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मोहन भागवत का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर था, राम मंदिर है और राम मंदिर वहीं बनेगा. राम मंदिर के विषय में इस सभा में बातचीत की गई. हालांकि 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा या नहीं इस पर कोई भी साधु संत कुछ भी कहने से बचता रहा.

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गौरतलब है कि हिंदू आचार्य सभी हर दो साल पर एक बार आयोजित की जाती है. इस बार यह राजकोट में आयोजित की गई है. इसमें हिस्सा लेने पहुंचे अविचलदासजी महाराज का कहना है कि, इस धर्म सभा में आचार्य सम्मेलन, कुंभ के लिए आमंत्रण और राम मंदिर के बारे में बात हुई है. राममंदिर पर अध्यादेश लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस सभा में इस तरह की कोई बात नहीं हुई है. लेकिन मोहन भागवत ने उम्मीद जताई है कि 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा.

धर्म सभा में राममंदिर के मुद्दे के साथ-साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर भी खुल कर चर्चा हुई. हालांकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब बीजेपी राममंदिर के मुद्दे पर फूंक-फूंक कर रणनीति बनाने में लगी है ताकि इसका फायदा 2019 के चुनाव में मिल पाए.

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