गृहमंत्री अमित शाह गुजरात दौरे पर हैं. सोमवार को गृहमंत्री गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी पहुंचे और उन्होंने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रिसर्च एंड एनालिसिस ऑफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस की शुरुआत की.
अमित शाह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि रथयात्रा के पवित्र दिन इस सेंटर की शुरुआत हो रही है. अमित शाह ने यह भी कहा कि ड्रग्स के जरिए जो भी पैसे जुटाए जाते हैं, उनका इस्तेमाल, आतंक फैलाने के लिए किया जाता है.
अमित शाह ने कहा कि सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर रिसर्च एंड एनालिसिस ऑफ नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस का मकसद, ड्रग्स के किसी व्यक्ति के दिमाग और शरीर पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करना है. ड्रग्स के शरीर पर पड़ने वाले असर का आकलन किया जाएगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस की थर्ड डिग्री जांच के दिन अब चले गए हैं. फॉरेंसिक साइंस एंड टेक्नोलॉजी के जरिए जांचकर पुलिस अपराधियों को गुनाहों की सजा ज्यादा से ज्यादा दिला सकती है. गृहमंत्री ने कहा कि भारत सरकार, देश के पुलिस अधिकारियों और जजों के साथ कानून विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से बात कर रही है, जिसमें सीआरपीसी और आईपीसी की धारा में परिवर्तन किया जा सके.
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पुराने कानूनों में हो सकते हैं बदलाव
अमित शाह ने कहा कि आज की जरूरत के हिसाब से हम उन धाराओं को आधुनिक बनाना चाहते हैं. पुरानी चीजों को निकालकर आज के अपराध के हिसाब से हम कानून बनाना चाहते हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नारकोटिक्स को बढ़ावा देने वाले तत्वों को भारत में नहीं आने देंगे, न ही भारत को इसे ले जाने का जरिया बनने देंगे. भारत सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए बीते 2 वर्षों में कई कड़े कदम उठाए हैं. यह भारत के लिए एक खतरा है.
आतंकवाद फैलाने में इस्तेमाल होते हैं ड्रग्स के पैसे!
अमित शाह ने नार्को टेररिज्म का भी जिक्र किया और कहा कि इससे जो धन मिलता है उसका इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए किया जाता है. इसे रोकना बेहद जरूरी है. ड्रग्स की वजह से आने वाली नस्ल तो बर्बाद होगी ही, साथ ही आतंकवाद का खतरा भी बढ़ जाएगा. इसलिए जिस नारकोटिक्स सेंटर को आज बनाया गया है, वह अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम है.