केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज तटीय पुलिसिंग की राष्ट्रीय अकादमी (NACP) का दौरा किया. उनके साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और बीएसएफ महानिदेशक पंकज कुमार सिंह के अलावा गुजरात फ्रंटियर के अधिकारी भी मौजूद रहे.
इस दौरान अमित शाह ने बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर और नेशनल एकेडमी ऑफ कोस्टल पुलिसिंग की जवानों को समुचित ट्रेनिंग देने की सराहना की. उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के साथ-साथ सौंपी गई सभी जिम्मेदारियों को सदैव बड़े ही समर्पित भाव और अपने ध्येय वाक्य ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ के अनुरूप निभाया है. विशेष अवसरों पर इस बल ने सदैव अपनी कार्यकुशलता को सिद्ध किया है.
तटीय सीमा सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध बीएसएफ
गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि नेशनल एकेडमी ऑफ कोस्टल पुलिसिंग भविष्य में देश के विभिन्न तटीय राज्यों की मरीन पुलिस को गहन एवं उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देगी और तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा में अपना अहम योगदान देगी. अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के दिशा-निर्देश और उनके मार्गदर्शन में हम नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहे है. हम तटीय सुरक्षा की चुनौतियों का गंभीरता से आकलन कर रहे है ताकि समुद्री खतरों से निपटा जा सके.
7 राज्यों के 427 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग
इस दौरान बीएसएफ महानिदेश ने गृह मंत्री अमित शाह को नेशनल एकेडमी ऑफ कोस्टल पुलिसिंग के बारे में ब्रीफिंग दी और बताया कि इस एकेडमी को स्थापित करने की जिम्मेदारी देने के केवल छह महीने में इसका आधारभूत ढांचा तैयार किया और पुलिस फाउंडेशन कोर्स का सफलतापूर्वक संचालन किया. इस एकेडमी में 7 कोर्स के माध्यम से तटीय राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दमन एवं द्वीव, लक्षदीप, अंडमान एंड निकोबार, पुडुच्चेरी, गुजरात कस्टम और सीआईएसएफ के कुल 427 पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.
अमित शाह ने की गुजरात सहकारी समिति की तारीफ
गुजरात दौरे के दौरान सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि गुजरात की सहकारी समिति की पूरे भारत में प्रशंसा की जाती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहयोग के लिए मंत्रालय बनाने का क्रांतिकारी फैसला लिया. चीनी के लिए गन्ना पैदा करने वाले किसानों को 8 हजार करोड़ की सीधी राहत मिली है, इसका श्रेय भी पीएम मोदी को जाता है.
इसके अलावा कई अहम फैसले भी जल्द लिए जाएंगे. देशभर में सहकारी समितियों का बिग डाटा बैंक बनाया जा रहा है. सहकारिता मंत्रालय नए बदलाव ला रहा है. इससे पानी और मिट्टी की बचत होगी. सहकारिता मंत्रालय किसानों की कई तरह से मदद करेगा.