गुजरात के अहमदाबाद में 181 हेल्पलाइन उस महिला के लिए वरदान साबित हुई, जिसे उसके पति और देवर ने एक अंधविश्वास के चलते दो बच्चों के साथ घर में तीन साल से कैद किया हुआ था.
पुलिस के मुताबिक तीन साल से घर में कैद महिला ने बताया कि डायन का इलाज करने वाले किसी आदमी की सलाह पर उसे पति ने घर में कैद किया हुआ था क्योंकि उसे लगता था कि इससे उसकी बीमारी ठीक हो जाएगी. महिला के बेटे और बेटी को घर के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी. उसे घर से छुड़ाने वाले अधिकारियों के मुताबिक, पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि उन्होंने महिला और उसके दोनों बेटों को ढाई साल से देखा नहीं था.
35 वर्षीय महिला के साथ उसके 17 और 15 साल के दो बेटों को भी उसके पति ने घर में बंद किया हुआ था. हैरानी की बात यह है कि जब महिला को रामोल पुलिस थाने ले जाया गया तो उसने पुलिस से कहा कि उसके पति के खिलाफ केस दर्ज न किया जाए क्योंकि वह अपने बीमार पति के साथ रहना चाहती है.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पति के बदन पर जगह-जगह जख्म हैं और वह काम करने की हालत में भी नहीं है. उसका छोटा भाई की हालत भी ठीक नहीं है. उसे आग की एक घटना में गोली लगी थी, जो अब भी उसके बदन में फंसी हुई है. वो लेमिनेशन का थोड़ा-बहुत काम करता है और परिवार में कमाने वाला अकेला है.
पुलिस ने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं की है और महिला को वापस उसके घर जाने दिया है, लेकिन पुलिस घर पर नजर रखे हुए है ताकि दोबारा कोई अनहोनी न हो.