जासूसी कांड में गुजरात के मुख्यमंत्री व बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और उनके करीबी अमित शाह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. नरेंद्र मोदी, अमित शाह और एके शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है.
निलंबित आईएएस प्रदीप शर्मा सोमवार को गांधीनगर सेक्टर-7 के पुलिस स्टेशन में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहुंचे. हालांकि पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की. पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज नहीं होने पर प्रदीप शर्मा ने बताया कि वो गांधीनगर के डीएसपी दफ्तर में जाएंगे. प्रदीप शर्मा ने बताया, 'मेरा आवेदन लेने से मना कर दिया गया. मैंने अहम सबूत दिए, लेकिन बावजूद इसके एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया गया. मैं अब डीएसपी दफ्तर जाऊंगा.'
उन्होंने कहा, 'ये आपराधिक मामला है और इसमें एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. मेरे पहले आरोपी नरेंद्र मोदी हैं, दूसरे आरोपी अमित शाह और एके शर्मा तीसरे आरोपी हैं.'
वहीं जासूसी कांड पर गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, 'बहुत जल्द इस मामले में जज की नियुक्ति की जाएगी.'
इससे पहले नवंबर 2013 में प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अपनी अर्जी में लिखा था कि उन्होंने महिला को मोदी से 2004 में मिलवाया था और उस समय उसकी उम्र 27 साल थी. लड़की मूल रूप से भुज, गुजरात की रहने वाली है, जबकि वह बेंगलोर में आर्किटेक्ट है. शर्मा ने अपनी अर्जी में आगे लिखा था कि मोदी लड़की से कई वर्षों तक संपर्क में रहे.
गौरतलब है कि मोदी के सौंदर्यीकरण परियोजनाओं में अहम हिल गार्डन के विकास के लिए इसी महिला आर्किटेक्ट को लैंडस्केप आर्किटेक्चर का काम सौंपा गया था. शर्मा के मुताबिक 2004 में गार्डन के उद्घाटन अवसर पर उन्होंने लड़की की मुलाकात मोदी से करवाई थी.
शर्मा ने अर्जी में लिखा था कि संबंधित महिला की एक सीडी जारी हुई थी, जिसमें महिला को एक पुरुष के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा गया. नरेंद्र मोदी को लगा कि इस सीडी कांड के लिए शर्मा जिम्मेदार हैं और इसलिए उन्होंने शर्मा को सजा दी.