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अहमदाबाद: जहरीली शराब पीने से मौत के केस में केमिकल फैक्ट्री का मालिक हिरासत में, SIT व ATS कर रहीं जांच 

गुजरात राज्य के गठन के साथ ही यहां शराब बैन कर दी गई थी. समय-समय पर नियमों को और सख्त भी किया गया. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि प्रतिबंध के बाद भी इतने बड़े पैमाने पर लोगों तक शराब कैसे पहुंची. 

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32 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा, कई की हालत गंभीर
32 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा, कई की हालत गंभीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जहरीली शराब पीने से 5 गांव के लोग चपेट में आए
  • शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई

अहमदाबाद में जहरीली शराब पीने से अब तक 11 लोगों की जान चली गई है, वहीं 32 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. बोटाड जिले के बरवाड़ा में यह घटना होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए केमिकल बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है. वहीं एसआईटी के अलावा गुजरात एटीएस ने भी अलग-अलग एंगल से मामले की जांच शुरू कर दी है.

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वहीं भावनगर आईजी अशोक यादव का कहना है कि इस मामले में सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जहरीली शराब पीने की वजह से रोजिंद, अणीयाणी, आकरु, चंदरवा और उंचडी गांव के लोग बीमार हुए हैं. वहीं अहमदाबाद के धंधुका में भी जहरीली शराब पीने से कई लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है.

रोजिंद में हुई सबसे ज्यादा मौतें

जानकारी के मुताबिक रोजिंदा गांव में सबसे ज्यादा 5 लोगों की मौत हुई. आरती का कहना है कि शाम को उनके पति दारू पी के घर आए थे. सुबह में अचानक उल्टियां शुरू हो गई. इसके बाद वह जमीन पर गिर गए, जिसके बाद उनकी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा.

उन्होंने बताया कि उनकी हालत इतनी खबरा हो गई थी कि वह चल भी नहीं पा रहे थे. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में बरवाड़ा के अस्पताल में ले जाया गया. वहीं इसी गांव की मधुबहन का कहना है कि शराब बिक्री को लेकर पुलिस से कई बार शिकायत की गई थी लेकिन उनकी तरफ से कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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वहीं दावा किया जा रहा है कि बरवाला के सरपंच ने स्थानीय पुलिस को शराब बंदी को लेकर तीन महीने पहले खत लिखा था, बावजूद इसके पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

शराबबंदी के बाद कहां से आई शराब?

बड़ा सवाल ये भी कि जिस गुजरात में कई सालों से शराबबंदी चल रही है, वहां पर लोगों ने इसका इंतजाम कहा से किया. अभी पुलिस इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है.

गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू कर दी गई थी. 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और कठोर कर दिया था. नियम के तहत अब अगर कोई गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो उसे 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है.

विपक्षी दल बना सकता हैं मुद्दा

गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. तमाम पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं. ऐसे में जहरीली शराब वाला ये मामला तूल पकड़ सकता है.

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गुजरात में नशाबंदी है, फिर भी गुजरात में बहुत ज्यादा अवैध दारू बिकती है. कौन हैं वो लोग जो अवैध दारू बेचते हैं ? जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और सारा पैसा कहां जाता है? इसकी जांच होनी चाहिए. 

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