जयपुर में अप्रैल 2021 में 'सिर तन से जुदा' का नारा लगाकर वीडियो बनाने और कन्हैया लाल हत्याकांड के बाद उसे फिर से वायरल करने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विवादित वीडियो ट्वीटकर आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई थी. इसके बाद पुलिस ने रामगंज इलाके से मेहराज अली, सलमान और रफीक को पकड़ लिया.
रामगंज एसीपी सुनील प्रसाद शर्मा ने बताया कि 8 अप्रैल 2021 को बनाया गया यह वीडियो दो दिन पहले वायरल हुआ, जिसके बाद इसे कन्हैया लाल हत्याकांड से जोड़ा जाने लगा. इस वीडियो में अरोपियों ने घाटगेट में पैगम्बर मोहम्मद की गुस्ताखी करने वाले का सिर तन से जुदा के नारे लगाए थे और वीडियो वायरल किया था.
लोगों को एकजुट करने के लिए वायरल किया वीडियो
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मेहराज मौलवी बनकर लोगों को नमाज पढ़ाता है और धर्म का प्रचार करता है. कन्हैया लाल हत्याकांड के बाद आरोपी ने अपने धर्म के लोगों को एकजुट करने और धार्मिक कट्टरता फैलाने के लिए वीडियो को वायरल किया, जिसमें उसके साथी सलमान और रफीक ने सहयोग किया लेकिन इससे पहले ही इस मामले में राजनीतिक शुरू हो गई.
सीएम के मीडिया सलाहकार ने कहा था- कार्रवाई हो चुकी
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीडियो ट्वीट कर गहलोत सरकार की पुलिस को घेरा था. उन्होंने ट्वीट किया था कि जयपुर के घाटगेट में सालभर पहले दहशत फैलाता वीडियो बनाया गया था, जिस पर मामूली कार्रवाई करते हुए मामला रफा-दफा कर दिया गया. वीडियो से फैलते जहर को रोकने की कोशिश न की गई, पिछले हफ्तेभर से यह वीडियो फिर साजिश की मंशा से वायरल किया जाने लगा.
इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मीडिया सलाहकार लोकेश शर्मा ने ट्वीटकर केंद्रीय मंत्री को जबवा दिया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से कहा कि किस मिट्टी के हो, जो पुरानी वीडियो ट्विट करते हो. इस मामले में तो कार्रवाई भी हो गई है.
इसके बाद जयपुर के डीसीपी नॉर्थ पारीस देशमुख ने भी वीडियो जारी कर कहा कि पुराना मामला है, जिसमें कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन जब पुलिस ने मामले को फिर से खंगाला तो पता चला कि इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, जिसके बाद सभी को पकड़ लिया गया.
कांग्रेस मुस्लिम विधायकों ने आरोपियों को छुड़वाया था
वहीं केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पिछले साल ही वीडिया वायरल होते ही आरोपियों को पकड़ लिया था लेकिन कांग्रेस के मुस्लिम विधायकों के दबाव में पुलिस ने सभी को छोड़ दिया था.
उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि कांग्रेसी जिसे (वीडियो) पुरानी बात कहकर खारिज करना चाह रहे थे, वह सद्भाव बिगाड़ने का षड्यंत्र भी हो सकता है. कांग्रेसियों को वोट बैंक से पहले समाज में शांति और सौहार्द की चिंता करनी चाहिए.