बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने आरोप लगाया है कि संजीव भट्ट को सुनाई गई सजा राजनीति से प्रेरित है. 30 साल पुराने हिरासत में मौत के मामले में जामनगर की सेशन कोर्ट ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को उम्र कैद की सजा सुनाई. शुक्रवार को संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने इस पूरी कानूनी प्रकिया को राजनीति से प्रेरित बताया.
श्वेता भट्ट का कहना है कि 30 साल पुराने इस मामले में अब जाकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने हमारे एक भी गवाह को नहीं माना. जो गवाह पुलिस की ओर से पेश किए गए थे, उनको क्रॉस एक्जामिनेशन करने का डिफेन्स को कोई मौका नहीं दिया गया. यही नहीं श्वेता भट्ट का ये भी कहना है कि 300 विटनेस में से सिर्फ कोर्ट ने 30 गवाह को ही जवाब देने के लिए बुलाया था.
जब श्वेता भट्ट को पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि ये फैसला रजनीति से प्रेरित है, तो इस पर श्वेता भट्ट ने कहा कि आप ही सोचो क्या हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस केस में लड़ने के लिए हम जो डॉक्यूमेंट मांग रहे हैं, वो हमें नहीं दे रहे हैं.उनका कहना है कि वे नष्ट हो गए.
श्वेता भट्ट का कहना है कि 300 गवाह हैं, 30 लोगो को बुलाकर ट्रायल बंद कर दिया गया. हमें डिफेन्स विटनेस बुलाने ही नहीं देते हैं. फेयर ट्रायल होना ही चाहिए हमारा भी वो अधिकार हैं. हमारी कानूनी लड़ाई है और उनकी राजनैतिक लड़ाई है.
वहीं, श्वेता भट्ट ने आने वाले दिनों में नए गवाहों के साथ उच्च अदालत में सेशन कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही. श्वेता भट्ट का कहना है कि हमने कोर्ट में नारायन रेडी जो एमडी फोरेन्सिक हैं, उन्हें बुलाना चाहा लेकिन सेशन कोर्ट ने मना कर दिया. अब उनके बयान को एफिडेविट के तौर पर हम हाईकोर्ट में पेश करेंगे.