इशरत जहां मुठभेड़ मामले में खुलासों और आरोपों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. इस कड़ी में एक और सरकारी कर्मचारी ने कहा है कि सतीश वर्मा नाम के एक बड़े अधिकारी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
लैब पर छापामारी के दौरान दुर्व्यवहार
एफएसएल अहमदाबाद के कर्मचारी सतीश खंडेलवाल ने खुलासा किया कि लैब में मामले से जुड़े फोटोग्राफ को जांच के लिए लाया गया था. एक दिन रात में अचानक लैब पर छापामारी कर सीबीआई अधिकारियों ने इशरत मामले के फोटोग्राफ वाले सीपीयू को सीज किया. इस दौरान लैब में मौजूद दो कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था.
सीबीआई ऑफिस बुलाकर धमकाया
खंडेलवाल ने कहा कि जानबूझकर मुझे अगले दिन सीबीआई ऑफिस बुलाया गया और बेवजह कई घंटों तक बिठाकर रखा गया था. उन लोगों ने मुझे वहां भी धमकाया. मुझे कहा गया कि आपने बहुत कुछ गलत किया है. मुझसे 24 घंटे में ही जांच की रिपोर्ट मांगी गई.
सच कह रहे हैं आरवीएस मणि
सतीश खंडेलवाल ने कहा कि जो काम मैंने नहीं किए, मुझसे उसका भी रिपोर्ट मांगा गया. मेरे एक जूनियर कर्मचारी को इतना डराया गया कि वह डेढ़ महीने के लिए अहमदाबाद से बाहर चला गया. खंडेलवाल ने कहा कि मेरे साथ जो हुआ उसके बाद आरवीएस मणि को सुनकर लगता है कि उन्होंने सब सच कहा है.
कई आला अफसरों ने माना राजनीतिक दबाव
इशरत जहां मुठभेड़ मामले में इसके पहले पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई ने तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम पर एफिडेविट बदलवाने का आरोप लगाया. दूसरे पूर्व गृह सचिव आर के सिंह ने राजनीतिक दबाव की बात कही. आई अधिकारी राजेंद्र कुमार. सुधीर कुमार और आरवीएस मणि ने भी इस बारे में राजनीतिक पूर्वाग्रह और जांच में बेजा दखल की बात कही.