चीन को कड़ी टक्कर देते हुए जापान ने भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया है. मुंबई से अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट को आगे चलकर दिल्ली तक बढ़ाए जाने की भी संभावना है.
जापान को कॉन्ट्रैक्ट मिलने के पीछे एक वजह कम लागत और 'मेक इन इंडिया' का वादा भी शामिल है, जबकि चीन के हाथ से यह कॉन्ट्रैक्ट फिसलने की एक वजह करीब चार साल पहले वहां हुई बुलेट ट्रेन दुर्घटना भी है.
जापान के प्रधानमंत्री के भारत दौरे पर होगा ऐलान
98000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को बुधवार को कैबिनेट ने मंजूरी थी. इसका औपचारिक ऐलान इस सप्ताह जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान किया जाएगा. दोनों देशों के बीच तभी समझौते पर हस्ताक्षर होंगे.
सबसे पहले जापान ने की स्टडी
अधिकारियों के मुताबिक, चीन की पहल से पहले ही जापान ने करीब 500 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर की स्टडी कर ली थी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हम भारत के फैसले का सम्मान करते हैं. सभी देश अपने सहयोगी देशों की मदद के लिए प्रयास करते हैं, जैसे भी वह करना चाहते हों.'
उन्होंने कहा कि भारत के साथ उनकी बातचीत जारी है. मौजूदा ट्रैक पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने और रेलवे यूनिवर्सिटी स्थापित करने में सहयोग को लेकर भी बातचीत चल रही है.