पंजाब और गोवा विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की नजर अब गुजरात पर है और इसीलिए केजरीवाल के सबसे महत्वपूर्ण मिशन गुजरात के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी कोर टीम को गुजरात भेज दिया है. पार्टी के चार बड़े नेताओं की कोर टीम गुजरात में डेरा डाल चुकी है.
कौन हैं केजरीवाल की इस कोर टीम में ?
अरविंद केजरीवाल की इस कोर टीम में पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह हैं जो केजरीवाल को करीबी हैं और पंजाब चुनाव में अहम भूमिका निभा चुके हैं. वहीं दूसरे नेता हैं आशुतोष जो दिल्ली के साथ गोवा विधानसभा चुनाव में मुख्य भूमिका में थे़. टीम के तीसरे नेता हैं आशीष खेतान जो पूर्व खोजी पत्रकार और पार्टी की दिल्ली सरकार में दिल्ली डायलॉग कमीशन के मुखि़या हैं. खेतान ने पंजाब और दिल्ली में पार्टी का घोषणा पत्र तैयार किया था और इस कोर टीम के चौथे नेता हैं दुर्गेश पाठक जिन्होंने दिल्ली चुनाव के साथ पंजाब चुनाव में पार्टी के लिए बेहद अहम भूमिका निभाई. दुर्गेश पाठक पार्टी की राष्ट्रीय संगठन इंचार्ज भी हैं.
गुजरात में क्या करेगी आप की कोर टीम?
केजरीवाल की इस सबसे भरोसेमंद कोर टीम को गुजरात चुनाव में अहम जिम्मेदारी दी गई है. चारों नेता गुजरात को चार जोन में बांट कर एक-एक जोन की जिम्मेदारी संभालांगे, जहां पार्टी के संगठन को खड़ा करने से लेकर बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय बनाकर दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत झोंकेंगे.
फिलहाल सभी नेता 26 मार्च को गांधीनगर में होने वाले अरविंद केजरीवाल की जनसभा की तैयारी के लिए गुजरात में हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबित पंजाब के नतीजे आने के बाद इन नेताओं की फुल टाइम ड्यूटी गुजरात में होगी. पार्टी के ये नेता गुजरात में ही चुनाव खत्म होने तक रहेंगे.
वहीं आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय को गुजरात में संगठन बनाने की जिम्मेदारी दी है. गोपाल राय के साथ कुमार विश्वास भी गुजरात में ज्यादा समय बिताएंगे. सूत्रों की मानें तो पार्टी के सभी बड़े नेता और मंत्री पंजाब के नतीजों के बाद गुजरात में समय देंगे, लेकिन तमाम योजनाएं पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर हैं.
अगर पंजाब में जनमत आम आदमी पार्टी के पक्ष में आता है, तो जाहिर है पार्टी का मनोबल बढ़ेगा और गुजरात में उन्हें इसका फायदा मिल सकता है, लेकिन अगर पंजाब में आप को सफलता नहीं मिली, तो गुजरात में भी केजरीवाल के सपनों को बड़ा झटका लग सकता है.