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Kishan Bharwad murder case: किशन भारवाड़ हत्या के तार पाकिस्तान से जुड़े, 'दावते इस्लामी' को बैन करने की मांग

Kishan Bharwad murder case की जांच कर रही गुजरात एटीएस को अहम जानकारी हाथ लगी हैं. सूत्रों के मुताबिक मामले में आरोपी मौलवी के तार दावत ए इस्लामी से जुड़े पाए गए हैं. मौलवी पर हत्या करने वाले आरोपियों का ब्रेनवॉश करने का आरोप है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • मौलवी अयूब ने ब्रेनवॉश करने लिखी जज्बा ए शहादत किताब
  • किशन को गोली मारने वाले युवकों को पढ़ाई गई थी किताब

गुजरात के चर्चित Kishan Bharwad murder case की जांच कर रही गुजरात एटीएस को अहम जानकारी हाथ लगी है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी के लिए 2 हजार से ज्यादा दान पेटियां अहमदाबाद में मिली हैं. इस संस्था पर ही हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों को प्रेरित करने का आरोप है.

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एटीएस सूत्रों के मुताबिक दान पेटियों में जमा किए गए पैसों को पाकिस्तान भेजा जाता है. यहां से मुसलमानों को इस्लामी शिक्षा देने की आड़ में दुबई के रास्ते भारत भेज दिया जाता है. लेकिन इसका इस्तेमाल ब्रेनवॉश करने के लिए किया जाता है. किशन भारवाड़ हत्याकांड में आरोपी मौलाना उस्मानी के भी Dawat-e-Islami के साथ संपर्क सामने आए हैं.

इससे पहले अक्टूबर 2021 में गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अशरफ नाम का पाकिस्तानी आतंकी भी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. उसका संबंध भी इस संगठन से जुड़ा पाया गया था. आतंकवाद निरोधी दस्ते की टीम ने किशन भरवाड़ मामले के आरोपी मौलवी अयूब के साथ जमालपुर का दौरा किया. इसने कथित तौर पर हत्यारों को बंदूक मुहैया कराई थी. एटीएस की टीम ने जमालपुर में होटल रियाज के पास उसके घर की भी तलाशी ली. उन्होंने मौलवी अयूब की हिंदी और गुजराती में लिखी किताब 'जज्बा-ए-शहादत' जब्त की है.

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जांच एजेंसी का कहना है कि मौलवी अयूब के घर से जो पुस्तकें जब्त की, उसमें शहादत की बात है. इस पुस्तक को किशन भरवाड़ पर गोली चलाने वाले दोनों हत्यारों को पढ़ाया गया था. किताब में नौजवानों को जिहाद के बारे में बताया गया है. किताब मौलाना अयूब ने लिखी है. उससे एक एयरगन भी जब्त की गई, जिस पर वह शूटिंग प्रैक्टिस करता था.

पहले भी उठाई बैन करने की मांग- हुसैनी

इस मामले में सूफी खान एसोसिएशन के अध्यक्ष सूफी नकवी हुसैनी का कहना है कि 2018 से लेकर अब तक हमने सरकार से गुजारिश की है कि दावते इस्लाम संगठन को बैन किया जाए. हमने जब राज्य के अलग-अलग जगहों पर उनके डोनेशन बॉक्स देखें तभी हमने यह मांग उठाई थी. क्योंकि यह संगठन पाकिस्तान का है और हमारा ही पैसा हवाला के जरिए पाकिस्तान भेज कर हमारे ही खिलाफ इन पैसों का इस्तेमाल करता है. इसके अलावा तहरीक ए लब्बैक और पीएफआई भी संगठन के साथ जुड़े हैं. इसलिए हम दोबारा कहते हैं कि संगठन को तत्काल प्रभाव से बैन कर देना चाहिए और जांच होनी चाहिए.

6 जनवरी को किशन ने शेयर किया था पोस्ट

बता दें कि 6 जनवरी को किशन ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. इस घटना के बाद 2 बाइक सवारों ने किशन की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस ने दोनों युवक शब्बीर और इम्तियाज पठान को अरेस्ट किया था.

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