प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कच्छ के भुज में भुजिया डूंगर पर बनाए गए स्मृति वन का रविवार को लोकार्पण करेंगे. यह स्मृति वन 26 जनवरी 2001 के उस कच्छ के भूकंप की याद दिलाता है, जो यहां के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे. भूकंप के बाद कैसे कच्छ फिर खड़ा हुआ, उसकी जिंदादिली को भी स्मृति वन में म्यूजियम के तौर पर दिखाया गया है. स्मृति वन का सपना नरेंद्र मोदी ने तब देखा था, जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विशेष म्यूजियम का लोकार्पण करेंगे.
भुज के इस म्यूजियम का मकसद आज के युवाओं में सीस्मोलॉजी को लेकर रुचि को पैदा करना है. साथ ही भूकंप की स्मृति को अलग-अलग गैलरी के जरिए और आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए दर्शाया गया है. 2001 में आए हुए भूकंप की अनुभूति करवाता एक विशेष थिएटर भी बनाया गया है. यहां एक स्टिम्युलेटर भी बनाया गया है जो यहां आने वाले लोगों को भूकंप की उस कंपन के साथ ध्वनि और रोशनी के जरिए अनुभव कराएगा. इस म्यूजियम में 8 ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसका कॉन्सेप्ट रिबर्थ, रिडिस्कवर, रिस्टोर, रिबिल्ड, रिथिंक, रिलाइव और रिन्यू पर बनाया गया है.
म्यूजियम में हड़प्पा संस्कृति को भी दर्शाया गया
इस म्यूजियम में ऐतिहासिक हड़प्पा संस्कृति यानी धोलावीरा को भी दर्शाया गया है. साथ ही भूकंप को लेकर वैज्ञानिक जानकारी, गुजरात की कला और संस्कृति साइक्लोन का सायंस और रियल टाइम में आपातकालीन स्थिति को भी दर्शाने का प्रयत्न किया गया है. यहां आने वाले लोगों को एक अलग ही अनुभव हो, उसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए 50 ऑडियो-विजुअल मॉडल, होलोग्राम, इंटरएक्टिव प्रोजेक्ट और वर्चुअल रियलिटी का इस्तेमाल किया गया है.
साल 2001 में आए भूकंप में जिन लोगों की मौत हुई थी, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भी एक खास ब्लॉक बनाया गया है. यहां टच पैनल, डिजिटल मशाल के जरिए एलईडी दीवार पर बनाई गई है, जिसे भुज शहर से देखा जा सकेगा.
भूकंप में 12,932 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि कच्छ के भूकंप में 12,932 लोगों की मौत हुई थी. इन सभी लोगों के नाम के साथ यहां पर उनको श्रद्धांजलि दी गई है. साथ ही भुजिया डूंगर जो कि 470 एकड़ विस्तार में फैला हुआ प्रोजेक्ट है, उसमें से पहले क्रम में 170 एकड़ इलाके में स्मृति वन को बनाया गया है. यहां पर 50 जीतने चेक डैम, सनसेट पॉइंट, 8 किलोमीटर लंबा ओवरऑल पाथवे, 1.2 किलोमीटर का इंटरनल रोड, 1 मेगावाट की क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 3000 वाहनों के लिए पार्किंग और 300 साल पुराने भुज के किले के नवीनीकरण के साथ इस पूरे इलाके में 3 लाख पौधे लगाए गए हैं. समग्र इलाके को इलेक्ट्रिक लाइटिंग और 11,500 मीटर में भूकंप के समर्पित म्यूजियम को बनाया गया है.