भारत-पाकिस्तान सीमा पर कच्छ के आखिरी गांव का खावडा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसमें एक शख्स कह रहा है कि प्रशासन ने बिना किसी नोटिस दिए मदरसे और मस्जिद को गिरा दिया. हालांकि, जब आज तक ने इस वीडियो की पड़ताल की, तो पाया कि ये मदरसा और मस्जिद खुद यहां के लोगों ने प्रशासन का नोटिस मिलने के बाद ही तोड़ा है.
लोगों को गुमराह करने के लिए इस तरह का वीडियो बनाया जा रहा है. अतंरराष्ट्रीय सीमा कच्छ के आखिरी गांव खावडा के इंडिया ब्रिज के पास गैरकानूनी इमारतों को प्रशासन के जरिए तोड़ा गया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
कैप्शन में लिखी भड़काने वाली बात
इस वीडियो के साथ मोहम्मद चारोलिया ने कैप्शन लिखा है, “अब गुजरात के कच्छ में भी 15 जनवरी को एक मदरसे को अवैध बताकर तोड़ दिया गया. जैसा कि शिक्षक का कहना है कि यह मदरसा भारत की आजादी के बाद से वहां स्थापित था. लेकिन फिर यही सवाल खड़ा होता है कि आखिर मुसलमानों के घर मस्जिदे और मदरसे ही क्यों अवैध हो जाते हैं?” इस वीडियो और कैप्शन के साथ कच्छ के कलेक्टर और गुजरात के सीएमओ को भी टैग किया गया था.
गैर-कानूनी बनीं 40 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को तोड़ा गया
बताते चलें कि कच्छ के पाकिस्तान की सीमा से लगे खावडा से इंडिया ब्रिज के करीब 40 गैर-कानूनी कॉमर्शियल प्रॉपर्टी बनाईं गईं थीं. इसे प्रशासन के जरिए अब तोड़ा गया है. पुलिस के मुताबिक, जितने मदरसा और मस्जिद भी यहां पर बनाई गईं थीं, उन्हें यहां के लोगों से बात करने के बाद लोगों के जरिए खुद ही तोड़ा गया हैं.
एसपी भुज सौरभ सिंह ने बताया कारण
कच्छ में डिमोलिशन ड्राइव के जरिए प्रशासन ने 46 छोटे-बड़े अवैध निर्माण को हटा कर 6,020 वर्ग मीटर जमीन खाली कराई है. दरअसल, कच्छ के इस बॉर्डर इलाके में बढ़ते टूरिज्म और सुरक्षा को देखते हुए खावडा से इंडिया ब्रिज तक के डबल लेन हाइवे को अब फोर लेन हाइवे में नेशनल हाइवे ऑथॉरिटी अपग्रेड कर रही है.
इसे लेकर पहले तीन बार नोटिस दिया जा चुका है. खावडा और रतडीया गांव के अवैध निर्माण को हटाया जा रहा हैं. मस्जिद और मदरसा जैसी जगह का अवैध निर्माण खुद यहां के लोगों ने प्रशासन की मदद से हटाया है.
(कच्छ से कौशिक कांटेचा के इनपुट के साथ)