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गुजरात में टिड्डियों का आंतक, किसानों की फसल को करोड़ों का नुकसान

बनासकांठा के वाव की बोर्डर से होते हुए टिड्डियां पाकिस्तान की और से गुजरात में घुसी थीं. जो अब महेसाणा के सतलासणा तक पहुंच चुकी हैं. टिड्डियों के आक्रमण की वजह से कपास, गेंहूं, वरियाली, समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है.

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किसानों की फसल को बर्बाद कर रही टिड्डियां
किसानों की फसल को बर्बाद कर रही टिड्डियां

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  • पाकिस्तान की ओर से गुजरात में आईं टिड्डियां
  • हेलिकॉप्टर से दवाई का छिड़कान करने की मांग

गुजरात के बनासकांठा, महेसाणा, पाटन जिले में टिड्डी का कहर खत्म नहीं हो रहा है. टिड्डी दल के हमले से किसान परेशान हैं, टिड्डी के आतंक ने किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है. अचानक टिड्डियों के हमले से क्षेत्र के किसानों में हड़कंप मच गया है. किसान टिड्डियों को भगाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं. किसान कहीं ताली बजाकर टिड्डियों को उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं तो कहीं हाथों में बंदूक लेकर टिड्डियों पर ही गोलियां चला रहे हैं.

वहीं टिड्डियों को भगाने के लिए एक किसान ने अनूठा तरीका अपनाया. उसने खेत में पंखा लगाकर साथ में थाली बांध दी जिससे थाली बजती ही रहती है. उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिला की 7 तहसील के 46 से ज्यादा गांव में रहने वाले किसान इन दिनों टिड्डियों के आतंक से परेशान हैं. जिला टिड्डी नियंत्रण विभाग और कृषि विभाग की 18 टीमें जिला के सुईगांव, भाभर, लाखणी, दियोदर, डीसा, थराद तहसील में काम कर रही हैं. टीम फिलहाल 2325 हेक्टेयर क्षेत्र का सर्वे कर करीबन 505 हेक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर चुकी है.

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10 दिन पहले बनासकांठा के वाव की बोर्डर से होते हुए टिड्डियां पाकिस्तान की और से गुजरात में घुसी थीं. जो अब महेसाणा के सतलासणा तक पहुंच चुकी हैं. टिड्डी गुजरात की सीमा में 150 किमी तक अंदर आ चुकी हैं. टिड्डियों के आक्रमण की वजह से कपास, गेंहूं, वरियाली, समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है. कांग्रेस के पाटन के विधायक किरीट पटेल ने मांग की है कि हेलिकॉप्टर के जरिए दवाई का छटकाव होना चाहिए. जिससे किसानों को कम से कम नुकसान हो.

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