लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने भर्ती अभियान शुरू कर दिया है. पिछले सप्ताह 1000 से ज्यादा राजकीय सामाजिक अग्रणियों को भाजपा में जोड़ने के बाद आज भी गुजरात प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटील की मौजूदगी में कांग्रेस के पूर्व विधायक इंद्रजीत सिंह परमार और उत्तर गुजरात के सहकारी नेता विपुल पटेल समेत 1500 से ज्यादा अग्रणी भाजपा में शामिल हुए.
मध्य गुजरात के खेड़ा जिले की महूधा सीट के पूर्व विधायक इंद्रजीतसिंह परमार के पिता भी 5 बार विधायक रह चुके है और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे है. उत्तर गुजरात से आए विपुल पटेल सहकारी नेता और कौंग्रेस के जिला प्रमुख रह चुके है जो अभी साबर डेरी मे डिरेक्टर भी है. उनको शामिल करते समय भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि आज देश में सिर्फ एक नेता की गारंटी पर जनता भरोसा करती है और वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. जिस तरह से राम मंदिर का भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ उसके बाद पूरे देश में राम मय माहौल है.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कहते हैं वह काम पूरा करके दिखाते हैं'
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कहते हैं वह काम पूरा करके दिखाते हैं. जितने भी कामों का उन्होंने भूमिपूजन/शिलान्यास किया है उन कामों का लोकार्पण भी वही करते हैं. आप लोग जहां से भी आते हैं उसे इलाके में प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रति लोगों में भरोसा बढ़ता जा रहा है. आप भी अब भाजपा में आ चुके हैं जब लोगों के काम पूरे के लिए जुट जाए. बातों में जुड़ने वाले नेताओं ने कहा कि कांग्रेस में उनका घुटन हो रही थी और साथ ही जिस तरह से कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का प्रजा के मुद्दों पर विपरीत स्टैंड रहा है जिसके चलते आम जनता में नाराजगी है फिर चाहे वह राम मंदिर का मुद्दा हो या फिर धारा 370 का. इसीलिए एक के बाद एक कांग्रेस नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं.
पांच सदस्यों की एक समिति बनाई गई
आम तौर पर भाजपा में हमेशा चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को जोड़ा जाता है ताकि एक चुनावी माहौल बने और जनता में मैसेज जाए कि विपक्ष कमजोर है और भाजपा मजबूत है. इस बार भी लोकसभा चुनाव से पहले यह भर्ती अभियान शुरू हुआ है. भाजपा ने इसके लिए पांच सदस्यों की एक समिति भी बनाई है जो दूसरे पक्ष से आने वाले लोगों के बारे में संकलन और अभ्यास करती है ताकि संगठन में कहीं पर असंतोष न हो और कार्यकर्ता एक रहे. आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस छोड़ चुके तीन पूर्व विधायक भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का दामन थामेंगे. विधानसभा में 156 सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी लोकसभा के लिए कोई चूक रखना नहीं चाहती.