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गुजरात HC की फटकार के बाद गिरनार पर्वत इलाके में महाशिवरात्रि के मौके पर प्लास्टिक बैन

महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए गुजरात के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गिरनार पर्वत इलाके में पर्यावरण सुधारने के लिए प्रशासन ने प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. इसके साथ ही इस इलाके को ECO Zone घोषित कर दिया गया है.

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HC की फटकार के बाद गिरनार पर्वत इलाके में महाशिवरात्रि के मौके पर प्लास्टिक बैन
HC की फटकार के बाद गिरनार पर्वत इलाके में महाशिवरात्रि के मौके पर प्लास्टिक बैन

गुजरात (Gujarat) में महाशिवरात्रि के मौके पर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और पर्यावरण के नजरिए से संवेदनशील क्षेत्र गिरनार पर्वत से जुड़ा एक अहम कदम उठाया है. दरअसल मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट ने गिरनार पर्वत इलाके में पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग को देखते हुए जिला प्रशासन को सख्त फटकार लगाई है. इसके बाद जूनागढ़ प्रशासन प्लास्टिक के उपयोग को लेकर सख्त कार्यवाही कर रहा है और इलाके में प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से बैन करने का ऐलान किया है.

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पहली बार किसी धार्मिक मेले में "प्लास्टिक बेन" को लेकर सख्त नियम बनाया गया है. कहा गया है कि जूनागढ़ के महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित धार्मिक मेले में प्लास्टिक उपयोग करने वाले को दंडित किया जाएगा.

इलाका इको जोन घोषित

जिला प्रशासक ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा है कि 5 मार्च से 8 मार्च तक महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर आयोजित होने वाले भव्य धार्मिक मेले में प्लास्टिक उपयोग करना मना है. गिरनार पर्वत इलाके को ECO Zone घोषित किया गया है.

बता दें कि वकील अमित पांचाल ने एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी, जिसके जवाब में कोर्ट के द्वारा टिप्पणी गई. इस याचिका में गिरनार पहाड़ी पर अंबाजी मंदिर और दत्तात्रेय मंदिर के पास प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे को उजागर किया गया है. चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की बेंच के समक्ष हुई सुनवाई में इलाके के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर प्लास्टिक कचरे के हानिकारक प्रभाव पर चिंता जताई गई. 

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यह भी पढ़ें: जूनागढ़ में PSI ने किया बड़ा स्कैम, 335 बैंक अकाउंट्स किए फ्रीज फिर… ATS करेगी मामले की जांच 

DCF गिरनार रेंज के वन अधिकारी अक्षय जोशी ने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व पर जूनागढ़ के गिरनार क्षेत्र में सैंकड़ों नागासाधुओ के दर्शन करने लाखो लोग आते है. अन्न के भंडारे और खाने पीने की चीजों में बेलगाम प्लास्टिक का उपयोग होता है, जो जंगल और पर्यावरण के लिए हानिकारक है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने सख्ती से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है.

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