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अहमदाबाद: गाय के हमले में हुई थी शख्स की मौत, मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज

11 मई को अहमदाबाद के वटवा जीआईडीसी पुलिस थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई. पहले पुलिस इसे दुर्घटना में हुई मौत मान रही थी. लेकिन घर वालों के विरोध के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 304-ए के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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अहमदाबाद के वटवा इलाके के पास विनोबा भावे नगर में गाय के हमले में एक शख्स की मौत होने के मामले में पुलिस ने गाय मालिक को गिरफ्तार कर लिया है. यह पहला मामला है जब किसी गाय के मालिक को आईपीसी की धारा 304-ए(लापरवाही से हुई मौत) तहत गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में आरोपी को स्थानीय कोर्ट से जमानत मिल गई थी.

दरअसल 10 मई 2019 को गोपीनाथ नाम का एक शख्स जब अपने घर से बाहर निकल रहा था तभी घर के पास घूम रही एक गाय ने शख्स को सींग मारकर जख्मी कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गाय ने इतनी जोर से हमला किया था कि शख्स हवा में ऊपर जा उछला और जमीन पर गिर पड़ा. इस हमले में शख्स के सीने में गंभीर चोटें आईं. जख्मी हालत में शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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11 मई को अहमदाबाद के वटवा जीआईडीसी पुलिस थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई. पहले पुलिस इसे दुर्घटना में हुई मौत के रूप में डील कर रही थी. लेकिन घर वालों के विरोध के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 304-ए के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू की. पुलिस की जांच में सामने आया कि विनोभा भावे नगर में ही रहने वाले मफा भारवाड नाम के शख्स की गाय ने गोपीनाथ पर हमला किया था.

इस मामले में पूछताछ के बाद गाय के मालिक मफा भारवाड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में वटवा जीआईडीसी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर डीआर गोहिल का कहना है कि यह पहला मामला होगा कि जिसमें गाय के मालिक के खिलाफ आईपीसी की घारा 304-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

अधिकारी ने बताया कि रास्ते पर घूमने वाले किसी पशु की वजह से अगर किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो पशु के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करनी चाहिए. हालांकि इस मामले में फिलहाल आरोपी मफा भरवाड को कोर्ट से जमानत मिल गई है.

सड़क पर आवारा पशुओं की वजह से आम लोगों को आए दिन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. आवारा पशुओं की चपेट में आने से चोटिल होने और मौत होने की खबरें गाहे-बगाहे आती रहती हैं. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि आवारा पशुओं पर नियंत्रण का कोई स्थायी समाधान निकाले.

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