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'दिल्ली के बॉर्डर पर हरियाणा के किसान नहीं...', कैप्टन पर भड़के खट्टर, कहा- वो कौन होते हैं इस्तीफा मांगने वाले?

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हरियाणा के नहीं हैं, बल्कि पंजाब से हैं. 

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मनोहर लाल खट्टर और कैप्टन अमरिंदर सिंह
मनोहर लाल खट्टर और कैप्टन अमरिंदर सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैप्टन अमरिंदर पर सीएम खट्टर का पलटवार
  • खट्टर बोले- वह कौन होते हैं मेरा इस्तीफा मांगने वाले?

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर से हरियाणा और पंजाब सरकार आमने-सामने आ गई है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ उकसाने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान हरियाणा के नहीं हैं, बल्कि पंजाब से हैं. 

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ''वह (कैप्टन अमरिंदर सिंह) कौन होते हैं मेरा इस्तीफा मांगने वाले? बल्कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि वह किसानों को उकसाने के पीछे हैं. दिल्ली बॉर्डर पर जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वे पंजाब से हैं. हरियाणा के किसान टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन नहीं कर रहे हैं.'' 

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के अपने समकक्ष खट्टर पर किसानों पर हुए हमले का बचाव करने का आरोप लगाते हुए हमला बोला. उन्होंने कहा कि करनाल में बैठक का विरोध कर रहे जिन किसानों पर लाठियां बरसाई गईं, वे पंजाब के नहीं थे, बल्कि हरियाणा के थे.

मालूम हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले कई महीनों से हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करते हुए एमएसपी पर कानून बनाए. 25 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का भी ऐलान किया है.

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किसानों के गुस्से के लिए कैप्टन ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार
किसानों के गुस्से के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अगर हरियाणा के सीएम और डिप्टी सीएम समेत बीजेपी ने किसानों की चिंताओं पर ध्यान दिया होता और शर्मिंदगी की शरण लेने के बजाय उनके दर्द को सहा होता तो यह संकट इतना गहरा नहीं होता. उन्होंने सीएम खट्टर के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि किसानों द्वारा राज्य की कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के बाद ही हरियाणा पुलिस ने बल प्रयोग किया. पंजाब के मुख्यमंत्री ने पूछा कि एसडीएम को कैसे पता चला कि किसान पथराव आदि का सहारा लेना चाहते हैं, जैसा कि खट्टर ने दावा किया था? 

'पंजाब को दोष देने के बजाय, कृषि कानूनों को करें रद्द'
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या आप नहीं देख सकते कि आपके अपने राज्य के किसान आपकी पार्टी द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने से इनकार करने के लिए आपसे नाराज हैं? उन्होंने हरियाणा के नेताओं से कहा कि किसान अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपकी पार्टी (बीजेपी) ने कृषि क्षेत्र में जो गड़बड़ी की है, उसके लिए पंजाब को दोष देने के बजाय कृषि कानूनों को निरस्त करें. उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार द्वारा किसानों के आंदोलन को जबरन समाप्त करने के बार-बार प्रयास और विभिन्न बीजेपी नेताओं द्वारा किसानों के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने से उनकी पार्टी को ही नुकसान होगा.

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