लोकायुक्त को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया पैंतरा चला है. राज्य सरकार एक विधेयक लेकर आ रही है जिसके मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति की चाबी मुख्यमंत्री के हाथ में रहेगी. मोदी की इस पैंतरे से राज्य की राजनीति में फिर से बवंडर खड़ा हो गया है.
लोकायुक्त के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद अब राज्य सरकार गुजरात विधानसभा में संशोधित लोकायुक्त सुधारक विधेयक लाने जा रही है.
सरकार नए विधेयक में लोकायुक्त आरए मेहता के साथ दो नए लोकायुक्त और चार उपलोकायुक्त का प्रावधान करने वाली है. सरकार 6 सदस्यो की कमिटी बनायेगी इस कमिटी में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, एक मंत्री के साथ विपक्ष के नेता, हाईकोर्ट के सिनियर जस्टिस और विजिलेंश कमिश्नर रहेंगे. ये कमिटी केवल लोकायुक्त के नाम का सुझाव देने का काम करेगी, लेकिन आखरी फैसला चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री करेंगे.
कांग्रेस का कहना है कि सरकार गवर्नर के जरिये नियुक्ति किये गये लोकपाल से डर गयी है और सरकार अपने घोटालों से बचने के लिये ये राजनीति कर रही है.
गौरतलब है कि राज्यपाल के जरिये लोकायुक्त जस्टिस आरए महेता कि नियुक्ति को गुजरात सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट में दो बार और सुप्रीम कोर्ट में तीन बार चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के खिलाफ फैसला दिया था . अब गुजरात सरकार ने क्यूरेटिव बेंच में अपील की है.