गुजरात दंगों के संदर्भ में ‘पिल्ले’ शब्द के उपयोग से उठे विवाद पर सफाई देने और मुसलमानों की आहत भावनाओं को शांत करने के प्रयास में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति में हर प्रकार के जीव का सम्मान है और उसकी पूजा की जाती है.
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मोदी ने अपने बयान से उठे राजनीतिक बवंडर के कुछ ही देर बाद ट्वीटर पर कहा, ‘हमारी संस्कृति में हर जीव बहुमूल्य और पूजनीय है.’
जानें मोदी के बयान पर किसने क्या कहा...
एक इंटरव्यू में दंगों को लेकर अफसोस होने के बारे में पूछे जाने पर मोदी की इस टिप्पणी कि अगर ‘पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाता है’ तो लोग दुखी हो जाते हैं, की तीखी आलोचना हुयी है और सपा ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुस्लिमों की तुलना पिल्लों से की है.
नरेंद्र मोदी के बयानों के क्या हैं मायने...
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि 2002 के दंगों में हजारों लोगों की जानें चली गयीं और इस पृष्ठभूमि में नरेंद्र मोदी द्वारा प्रयुक्त तुलना निंदनीय है. सभ्य भारत में ऐसी तुलना के लिए कोई स्थान नहीं है. सपा प्रवक्ता कमल फारूकी ने कहा कि यह काफी दुखद, अत्यंत अपमानजनक और काफी परेशान करने वाला बयान है. मोदी क्या सोचते हैं कि मुसलमान पिल्लों से भी गये-गुजरे हैं? उनके पास मुसलमानों के लिए कोई भावना नहीं है. उन्हें दुखी होना चाहिए, उन्हें माफी मांगनी चाहिए.’
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उधर भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने मोदी के बचाव में उतरते हुए आरोप लगाया कि एक खास समुदाय का तुष्टिकरण करने के लिए मोदी की टिप्पणी को जानबूझ कर गलत अर्थ दिया गया है. यह कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है.
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मोदी की ‘पिल्ले’ वाली टिप्पणी पर भाकपा नेता एबी वर्धन ने हैरत जतायी कि क्या गुजरात के मुख्यमंत्री कार में बैठे मासूम मुसाफिर थे और क्या वह यह नहीं जानते थे कि इसे ड्राइव कौन कर रहा था.