scorecardresearch
 

मोरबी पुल हादसा: 'मुआवजे का क्या करेंगे...ये पैसे हमारे अपनों को नहीं ला पाएंगे', पीड़ित परिवारों का छलका दर्द

मोरबी में 30 अक्टूबर की शाम मच्छु नदी पर बना ब्रिज अचानक टूट गया था. इस हादसे में अब तक 135 शव बरामद किए जा चुके हैं. हादसे को लेकर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया. सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है लेकिन परिवारों का कहना है कि अब वे इन पैसा का क्या करेंगे? उन्होंने ओरेवा कंपनी और जिला प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं.

Advertisement
X
मोरबी में 30 अक्टूबर को अचानक टूट गया था ब्रिज
मोरबी में 30 अक्टूबर को अचानक टूट गया था ब्रिज

गुजरात के मोरबी जिले में रविवार को मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटने से 135 लोगों की जान चली गई. वहीं हादसे के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा कर दी थी. दो दिन बाद यानी मंगलवार से जिला प्रशासन ने सहायता राशि भी देना शुरू कर दी है लेकिन मृतकों के परिवारों का कहना है कि इस मुआवजे का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह पैसा उनके अपनों को वापस नहीं ला पाएगा.

Advertisement

हादसे में रशीद मकवाना ने अपनी मां और दो रिश्तेदारों को खो दिया. रशीद ने कहा- "हम इस पैसे का क्या करेंगे? मेरी गोद में बैठा बच्चा मेरा भतीजा है, जिसने अपनी मां को खो दिया है. इस बच्चे को कौन पालेगा?"

रशीद मकवाना की गोद में बैठा उसका सात साल का भतीजा

इसी हादसे में प्रभुभाई घोगा ने अपनी 20 साल की बेटी प्रियंका को खो दिया. प्रियंका के चचेरे भाई भोज गोघा कहते हैं- "ओरेवा कंपनी (Oreva) के मालिकों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पुल फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना खोला गया था. यह कैसे संभव है कि ओवेरा ने इसके बारे में (नगर पालिका) बताए बिना पुल खोला? जिन्होंने इस पुल को डिजाइन किया था उसे गिरफ्तार करना चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए.

Advertisement

हादसे में प्रभुभाई घोगा (बाएं) की 20 साल की बेटी प्रियंका की मौत हो गई

मोरबी के वाजेपार इलाके में गोघा और मखवाना पड़ोसी हैं. हादसे के दिन दोनों परिवारों के कुछ सदस्य एक साथ पुल पर गए थे. मखवाना परिवार से रशीद की बहन शाहबानो (29), उनके सात साल के भतीजे अरशद और शाहबानो की सास मुमताजबेन (62) की हादसे में मौत हो गई. उनके साथ प्रियंका भी थीं.

परिजनों का कहना है कि प्रियंका अरशद को पसंद करती थी. जब दोनों के शव मिले तो प्रियंका अरशद की अंगुली पकड़े हुई थी. प्रियंका की मां हेमंतभाई परमार (60) भी उनके साथ थीं लेकिन सौभाग्य से वह बच गईं. दोनों ही पीड़ित परिवारों का कहना है कि वे हादसे को लेकर जिला प्रशासन और ओरेवा ग्रुप से जवाब चाहते हैं.

...टेम्परेरी मरम्मत कर रही थी फर्म

ओवरा ग्रुप का मोरबी के जिला कलेक्टर को भेजा गया एक पत्र सामने आया है. पत्र से पता चला है कि फर्म पुल के रखरखाव के लिए परमानेंट कॉन्ट्रैक्ट चाहती थी. ग्रुप ने यह भी कहा था कि जब तक उन्हें परमानेंट कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया जाता, तब तक वह पुल की टेम्परेरी मरम्मत करते रहेंगे. इससे पहले, नगर मुख्य अधिकारी संदीप सिंह ने इंडिया टुडे को बताया था कि ओरेवा ने अनुबंध के नियमों और समझौतों का उल्लंघन किया और नगर निकाय को सूचित किए बिना केवल पांच महीनों में पुल खोल दिया.

Advertisement
Advertisement