गुजरात के पंचमहाल के शेडयुल ट्राईब रिजर्वेशन सीट मोरवा हडफ से चुनाव जीतने वाले निर्दलीय विधायक भूपेंद्र खांट का आदिवासी जाति का प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया. इस प्रमाणपत्र को रद्द करने से अब गुजरात की राजनीति गरमा गयी है.
दरअसल चुनाव के वक्त भाजपा के विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार विक्रम सिंह डिंडोर के जरिए आरोप लगाया गया था कि भूपेंद्र खांट आदिवासी नहीं हैं. साथ ही भूपेंद्र खांट के चुनाव जीतने के बाद बीजेपी उम्मीदवार ओर उनके समर्थकों की ओर से रैली भी निकाली गई थी.
इस रैली में उनके आदिवासी जाति के प्रमाणपत्र की जांच की मांग की थी. इसके बाद आदिम जाति विकास बोर्ड के कमिशनर आर.जे. मांकडिया के जरिए जांच करने पर भूपेंद्र खांट के आदिवासी न होने की बात सामने आई. इसपर उनका प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया.
अब इस मामले को लेकर निर्दलीय विधायक भूपेंद्र खांट हाईकोर्ट गए हैं. इसपर हाईकोर्ट सोमवार को सुनवायी करेगा. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि अगर हाईकोर्ट भी उनके प्रमाणपत्र को रद्द करने को सही मानता है तो इस सीट पर फिर से चुनाव होगा. क्योंकि ये सीट शेडयुल ट्राईब के लिए रिजर्व है.