जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) और भारत सरकार के बीच शुक्रवार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए लोन की पहली किस्त जारी करने पर सहमति बन गई. एक करार के तहत जेआईसीए की तरफ से भारत सरकार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए लोन के तौर पर 5,500 करोड़ रुपए की पहली किस्त मिलेगी. इसके अलावा जेआईसीए की ओर से कोलकाता ईस्ट-वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत हावड़ा मैदान से सॉल्ट लेक सेक्टर-5 तक मेट्रो लाइन बनाने के लिए 1600 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जाएगा.
भारत सरकार देश का पहला हाई स्पीड रेल कॉरिडोर साल 2022 से शुरू करने की तैयारी कर रही है. खबर है कि इसके लिए सरकार जापान से 18 बुलेट ट्रेन खरीदने की तैयारी है. यह सौदा 7,000 करोड़ रुपए का होगा और इसके तहत देश में ट्रेन के उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की शर्त भी शामिल है.
Japan International Cooperation Agency (JICA) signed an agreement with Govt of India to provide an Official Development Assistance (ODA) loan of 89,547 million Japanese Yen (approx. INR 5,500 Crore) as Tranche 1 on the ‘Project for the Mumbai-Ahmedabad High-Speed Rail (MAHSR)’. pic.twitter.com/qssoD5mUAI
— ANI (@ANI) September 28, 2018
गौरतलब है कि देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई से अहमदाबाद के बीच शुरू होगा. इस कॉरिडोर पर बुलेट ट्रेन की स्पीड 350 किमी प्रति घंटा होने की उम्मीद है. यानी मुंबई से अहमदाबाद महज 2 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. अभी इस दूरी को तय करने में भारतीय रेल की गाड़ियों से 7 घंटा और फ्लाइट से एक घंटा लगता है.
भारतीय रेलवे ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के आधार पर देश में ही एक बुलेट ट्रेन एसेंबलिंग यूनिट की स्थापना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जापानी ट्रेन निर्माता कंपनियां कावासाकी और हिताची भारत में इस कारखाने की स्थापना कर सकती हैं. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में एसेंबलिंग प्लांट स्थापित करने के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी. गौरतलब है कि रेलवे ने बुलेट ट्रेन के लिए जमीन अधिग्रहण दिसंबर, 2018 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है. जनवरी से निर्माण कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है.