गुजरात के अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं को हिजाब की वजह से कार्यक्रम में शामिल होने से रोका गया. केरल की दो मुस्लिम महिला सरपंचों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पीएम मोदी के कार्यक्रम में जाने से रोका और सुरक्षा जांच के लिए हिजाब हटाने के लिए कहा, विरोध में महिलाओं ने कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया.
केरल के वायनाड जिले की पंचायत सरपंच शहरबन सईदसलावी ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी दो अन्य साथियों को इसलिए कार्यक्रम हॉल में जाने से रोका गया क्योंकि वो काला हिजाब पहने हुए थीं. उन्होंने बताया कि हिजाब हटाने के बाद वो कार्यक्रम हॉल में शामिल हुईं लेकिन उन्हीं के राज्य से आने वाली दो अन्य महिला सरपंचों ने हिजाब हटाकर कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया.
महिला दिवस के कार्यक्रम में हंगामा बढ़ते देख केरल में स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े कुछ अधिकारियों की दखल के बाद हिजाब पहने मुस्लिम महिलाओं को कार्यक्रम हॉल में जाने की अनुमति दी गई. पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की अतिसघन सुरक्षा के चलते मुस्लिम महिलाओं से हिजाब हटाने के लिए कहा गया था क्योंकि उससे महिला का चेहरा तक छिपा हुआ था. पुलिस का कहना है कि ये सुरक्षा जांच महिला पुलिस अधिकारी ही कर रहीं थीं और तलाशी के बाद महिलाओं को कार्यक्रम हॉल में जाने की अनुमति दे दी गई.
इस कार्यक्रम में यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले के थोरा गांव की सरपंच शालिनी सिंह ने मुख्य मंच के निकट सुरक्षा घेरा तोड़कर मोदी की ओर जाने की कोशिश की. हालांकि महिला पुलिस कर्मी उन्हें तत्काल रोककर हॉल के बाहर कर दिया. पुलिस ने बताया कि महिला उनके गांव की दशा को लेकर यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोदी को ज्ञापन सौंपना चाहती थी.