बलात्कार के आरोप में जेल में कैद नारायण साईं को AAP नेता अरविन्द केजरीवाल के सिद्धांत बहुत पसंद हैं. यह बात खुद नारायण ने ही कही है.
सूरत जिला अदालत में पेशी के बाद लौटते वक्त नारायण ने कहा कि केजरीवाल सत्ता के लालची नहीं हैं और अगर सिद्धांत के खिलाफ बात हो, तो वे कुर्सी छोड़ने में देरी नहीं करते.
मामला एकदम दिलचस्प है. लोकसभा चुनाव के माहौल में अब नारायण साईं भी नेता बन गया है. कभी वो मोदी की तारीफ कर रहा है, तो कभी अरविन्द केजरीवाल की. बलात्कार के आरोप में पिछले छह महीने से सूरत जेल का मेहमान बन चुका नारायण साईं को चुनावी रंग लग गया है. बीजेपी के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी को पहले प्रधानमंत्री के तौर पर आगे बढ़ने के लिए अपना समर्थन देने वाले नारायण साईं को अरविन्द केजरीवाल के सिद्धांत बहुत पसंद हैं. नारायण ने कहा कि अरविन्द सत्तालोलुप नहीं हैं और वे अपने सिद्धांत पर ही अड़े रहते हैं.
दरअसल, शुक्रवार को नारायण साईं को दो बार जिला अदालत का चक्कर काटना पड़ा. रेप मामले में उसे जेल से अदालत लाया गया. पहली बार जब नारायण अदालत परिसर से बहार निकला था, तब भी उसने नेताओं की तरह जेल में कैदियों के लिए मताधिकार की मांग की थी और मोदी को प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आगे बढ़ने की बात कहकर अपना समर्थन दिया था. लेकिन, जब वो दूसरी बार अदालत आया, तो उसे अरविन्द केजरीवाल के सिद्धांत बहुत अच्छे लगने लगे. हालांकि उसने मोदी से पुराने सम्बन्ध की बात वाले विवाद को टालने की कोशिश जरूर की.
कभी मोदी, तो कभी केजरीवाल को अपनी पसंद बताकर नारायण साईं ने यह साबित कर दिया कि वह भी किसी नेता से कम नही हैं. इन नेताओं को अपना समर्थन देने की बात से नारायण ने यह भी साफ करने की कोशिश की है कि वह भले ही जेल में है, मगर लोकसभा चुनाव में उसके चेले किसे अपना समर्थन देंगे, यह वही तय करेगा.