नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर भावुक हो गये और उन्होंने रुंधे गले से कहा कि यहां से उनके जाने के बाद भी गुजरात आगे बढ़ेगा और अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें माफ कर दिया जाए.
गुजरात विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे माफ कर दीजिए. मुख्यमंत्री के तौर पर यह मेरा चौथा कार्यकाल है. अब मैं जा रहा हूं और पता नहीं यहां वापस कब आउंगा, इसलिए मैं चाहता हूं कि अगर आपको लगता है कि मैं अपने काम में सही नहीं था और मेरे आचरण में कोई कमी थी तो मुझे माफ कर दीजिए.'
गुजरात विधानसभा के सदस्यों ने मोदी को भावभीनी विदाई दी और भावी प्रधानमंत्री ने रुंधे गले से कहा, 'आज माफी का दिन है. मैं आप सभी का और इस सदन का सम्मान करता हूं. मैं विपक्ष का खासतौर पर शुक्रिया अदा करता हूं.' लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत पर विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने भी उन्हें बधाई दी और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं.
मोदी का मंगलावार को एक अलग स्वरूप सामने आया था जब वह दिल्ली में बीजेपी संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में भावुक हो गए थे और उनकी आंखें नम हो गईं थीं. भावनात्मक लहजे में ही मोदी ने आज कहा, 'मेरी सफलता इसमें है कि आप विकास की इस यात्रा को किस तरह आगे ले जाते हैं. और मुझे विश्वास है कि गुजरात मेरे जाने के बाद आगे बढ़ेगा.
हमेशा रखेंगे गुजरात का ध्यान
मोदी ने विधानसभा को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह हमेशा गुजरात का ध्यान करेंगे. उन्होंने कहा, 'स्वाभाविक है कि मुझ पर पहला अधिकार गुजरातियों का है. लेकिन इस नई जिम्मेदारी के साथ मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि अन्य लोगों के साथ अन्याय नहीं हो. मैं सुनिश्चित करंगा कि गुजरात को भी उसका अधिकार मिले.' नव नियुक्त प्रधानमंत्री ने अच्छे काम जारी रखने के लिए संस्थाओं को मजबूत करने पर जोर दिया. 63 साल के मोदी ने कहा, 'व्यक्ति आधारित रवैया ज्यादा दिन नहीं चलता. हमें विचारों को संस्थागत रूप देना होगा जहां लोग आते हैं और जाते हैं, लेकिन अच्छे काम चलते रहते हैं. अगर कुछ लोग गुजरात के पिछले 12 साल का अध्ययन करेंगे तो वे पाएंगे कि संस्थाओं के निर्माण पर जोर दिया गया.
मोदी ने गिनाईं उपलब्धियां
मोदी के मुताबिक जब वह मुख्यमंत्री बनने के लिए गुजरात आये थे तो भूकंप, तूफान के बाद तथा माधवपुरा सहकारी बैंक जैसे सहकारी बैंकों में घोटालों के बाद स्थिति विकट थी. उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि इनसे ही गुजरात का चेहरा बदलने में मदद मिली. उन्होंने कहा, 'मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि कैग की रिपोर्टों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदों के लिए नहीं बल्कि समाधान निकालने के लिए होना चाहिए. मैंने यहां ऐसी व्यवस्था बनाई और अपने लोगों से समस्याओं की जड़ों में जाने को कहा. मोदी ने कहा, 'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि लोकतंत्र में एक विधायक भी मायने रखता है फिर वह किसी भी पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हो. विधायक की आवाज मतलब जनता की आवाज. न केवल बीजेपी के विधायकों ने बल्कि यहां मौजूद सभी लोगों ने इस राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए कड़ी मेहनत की है.
अब पीएमओ में गुजराती
मोदी ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि अब प्रधानमंत्री कार्यालय में गुजराती बोली जाएगी. उन्होंने कहा, जब कोई जाता है तो अपने साथ कई चीजें ले जाता है. अब पीएमओ में गुजराती बोली जाएगी. आपको खमण-ढोकला भी मिलेगा. पीएमओ में गुजरातियों के लिए विशेष व्यवस्था करने के विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला के सुझाव पर मोदी एकबार फिर भावुक हो गए. मोदी ने अपने दिल की तरफ इशारा करते हुए कहा, दिल्ली में अलग काउंटर खोलने की कोई जरूरत नहीं है. मैंने यहां पहले ही स्थाई काउंटर खोल दिया है.