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Explainer: क्या है चुनाव में दो बच्चों का नियम, गुजरात निकाय चुनाव में गई कई की उम्मीदवारी

चुनाव अधिकारी के आदेश में गुजरात प्रोविजनल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1949 की धारा 10 का हवाला दिया. इसमें 4 अगस्त 2025 को संशोधन किया गया था और इसमें प्रावधान किया गया था कि जिस उम्मीदवार के दो से ज्यादा बच्चे होंगे उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी.

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बीजेपी विधायक के बेटे की उम्मीदवारी रद्द
बीजेपी विधायक के बेटे की उम्मीदवारी रद्द
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात में तीन की उम्मीदवारी रद्द
  • गुजरात नगर निकाय चुनाव होने हैं
  • दो बच्चे से ज्यादा होने पर उम्मीदवारी रद्द

गुजरात में निकाय चुनाव होने वाले हैं. लेकिन दो बच्चों के प्रावधान के चलते सोमवार को निकाय चुनाव के लिए तीन उम्मीदवारों को पर्चा रद्द कर दिया गया. 

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वडोदरा नगर निगम के चुनाव अधिकारी ने बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव के बेटे दीपक श्रीवास्तव का नामांकन रद्द कर दिया. दीपक श्रीवास्तव दो बार पार्षद रह चुके हैं. बीजेपी के टिकट देने के इनकार करने के बाद दीपक श्रीवास्तव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था. दीपक के तीन बच्चे हैं. इनमें एक बच्चे को चुनावों के ऐलान से पहले ही गोद लिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी उम्मीदवार आशीष जोशी ने सोमवार सुबह दीपक की उम्मीदवारी पर आपत्ति जताई. जोशी का आरोप था कि दीपक ने गलत हलफनामा दायर किया है. जोशी ने आरोप लगाया कि दीपक ने सिर्फ दो बच्चों का जिक्र कर चुनाव अधिकारी को गुमराह करने की कोशिश की है. इसके बाद विधायक मधु श्रीवास्तव और दीपक अपने समर्थकों के साथ जिला विकास कार्यालय पर एकत्रित हो गए और संतान के मुद्दे पर बोलने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी. 

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क्या है प्रावधान
 
बहरहाल, चुनाव अधिकारी के आदेश में गुजरात प्रोविजनल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1949 की धारा 10 का हवाला दिया. इसमें 4 अगस्त 2025 को संशोधन किया गया था और इसमें प्रावधान किया गया था कि जिस उम्मीदवार के दो से ज्यादा बच्चे होंगे उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी.

वहीं वडोदरा नगर निगम के के वार्ड नंबर 9 से निर्दलीय उम्मीदवार और मौजूदा पार्षद विरेन रामी की भी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई. इनकी उम्मीदवारी पर बीजेपी प्रत्याशी श्रीरंग आयरे ने आपत्ति जताई थी. बीजेपी प्रत्याशी का आरोप था कि विरेन रामी ने केवल दो बच्चों के बारे में जानकारी दी है जबकि उनके तीन बच्चे हैं. वहीं रामी की दलील थी कि एक बच्चा उनकी पहली पत्नी से जो कि तलाक के बाद अलग रहती है और बच्चा भी उसी के पास है. जिसे तीसरे बच्चे के तौर पर नहीं गिना जा सकता है. लेकिन चुनाव अधिकारी ने उनकी दलील को खारिज कर दिया, और गुजरात प्रोविजनल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1949 की धारा 10 का हवाला दिया. 
 
इसी तरह राजकोट नगर निगम के वार्ड नंबर 4 के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार नारन सावसेटा का नामांकन उसी आधार पर खारिज कर दिया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें इस प्रावधान की जानकारी नहीं थी. उन्होंने अपना नामांकन वापस लेने के लिए एक शपथ पत्र तैयार किया. अब उनकी जगह पर राम ज़िलारिया आधिकारिक प्रत्याशी होंगे. 

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